SHO एकता की दरियादिली... सर्दी में बुजु़र्ग को बिना चप्पल के खड़ा देख अपने हाथों से पहनाएं जूते

punjabkesari.in Thursday, Dec 17, 2020 - 04:15 PM (IST)

जहां एक तरफ कार्यशैली, क्रूरता व घूसखोरी को लेकर पुलिस हमेशा सवालों के घेरे में रहती हैं वहीं कई बाई उनका मानवता से भरा चेहरा भी सामने आ जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश से जहां एक महिला पुलिस अफसर ने अपने हाथों से बुजुर्ग को जूते पहनाकर हर किसी का दिल जीत लिया। सोशल मीडिया पर भी उनकी तस्वीरें तेजी से वायरल हो गई और लोग उनकी खूब तारीफ भी कर रहे हैं।

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बुजुर्ग महिला को नंगे पैर देख पसीजा SHO एकता का दिल

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले, किश्चियन चौराहे पर SHO एकता सिंह 'भारत बंद' के दौरान अपनी ड्यूटी कर रही थी। तभी उन्होंने देखा कि एक बुजुर्ग महिला नंगे पांव ठंड में खड़ी हैं। उनका दिल पसीज गया और एकता ने तुरंत जाकर बुजुर्ग महिला से पूछा आखिर उन्होंने पैरों में चप्पल या जूते क्यों नहीं पहनें?

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खुद अपने पैसों से मंगवाए पैसे

बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह बहुत गरीब है और उनके पास इतने पैसे नहीं कि वो चप्पल तक खरीद सकें। वह जैसे-तैये अपनी जिंदगी का गुजारा कर रही हैं। बुजुर्ग महिला की कहानी जानने के बाद SHO एकता का दिल पसीज गया।

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अपने हाथों से पहनाएं जूते

फिर क्या SHO एकता ने तुरंत कॉन्सटेबल को पैसे देकर बुजुर्ग के लिए जूते मंगवाएं। उनकी दरियादिली यही खत्म नहीं हुई... जूते आने के बाद उन्होंने खुद अपने हाथों से बुजुर्ग को जूते पहनाएं भी। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर चर्चा का कारण बनी हुई है, जहां हर कोई उनकी खूब तारीफ कर रहा है। बता दें कि उनकी यह तस्वीर ट्वीटर पर @MainpuriPolice अकाउंट से शेयर की गई हैं।

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पहले भी कर चुकी हैं एक मां की मदद

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उन्होंने अपनी दरियादिली दिखाई हो। मार्च महीने में बेटों द्वारा दुत्कारी गई एक बूढ़ा मां मां उनके पास मदद की उम्मीद से आई थी। तब श्रीमती एकता ने बूढ़ी मां को रोते देख अपने सीने से लगा लिया। यही नहीं, उन्होंने कहा, "बैठो माँ पहले खाना खाओ, समस्या बाद में बताना"। बुजुर्ज को अपने हाथ से खाना खिलाने के बाद श्रीमती एकता ने उन्हें शीघ्र निस्तारण का भरोसा दिया था।

घर-घर जाकर सुनती हैं बेटियों की समस्याएं

यही नहीं, महिला थाना अध्यक्ष एकता सिंह घर-घर जाकर महिलाओं की समस्या सुनती हैं और उन्हें पूरी मदद देती हैं। यही नहीं, वह महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के गुर भी सिखाती हैं। एकता ने साबित कर दिया कि पुलिस पीड़ितों के दर्द का मरहम भी बन सकती है।

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वाकई... एकता ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए यह साबित कर दिया कि वो एक सच्ची पुलिस अफसर है। हमारे देश को ऐसे ही पुलिस वालों की जरूरत है। जो अपने फर्ज के साथ मानवता के धर्म को भी समझें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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