"अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से Heart attack से मौत का रिस्क 50%, आज ही खाना छोड़ दें

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 09:54 AM (IST)

 नारी डेस्क: क्या आप रोज़ाना पैकेट वाले स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स या जंक फूड खाते हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। ताज़ा वैज्ञानिक रिपोर्ट्स ने चौकाने वाले खुलासे किए हैं। अमेरिका की प्रतिष्ठित हेल्थ संस्था अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन हार्ट अटैक से मौत का खतरा 50% तक बढ़ा सकता है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि हमारी बदलती जीवनशैली और खानपान पर एक गंभीर चेतावनी है। इस रिपोर्ट में चेताया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड यानी कि जरूरत से ज्यादा प्रोसेस की गई खाने-पीने की चीजें, दिल की बीमारियों, मोटापा, डायबिटीज, नींद की दिक्कत और डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन रही हैं। अब वक्त आ गया है कि हम स्वाद और सुविधा से ऊपर अपनी सेहत को प्राथमिकता दें क्योंकि एक गलत आदत आपकी जान पर भारी पड़ सकती है।

 रिपोर्ट में बताया गया है कि जो लोग रोज़ ज्यादा मात्रा में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, उनमें दिल से जुड़ी बीमारी से मौत का खतरा लगभग 50% तक बढ़ जाता है। इसके साथ-साथ मोटापे का खतरा 55%, नींद की समस्या 41%, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 40% और डिप्रेशन की आशंका 20% तक बढ़ जाती है।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हें बहुत अधिक प्रोसेस किया गया होता है और जिनमें स्वाद, रंग और बनावट के लिए केमिकल्स, एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए जाते हैं। आमतौर पर बाजार में मिलने वाले पैकेट वाले स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स, रेडी-टू-ईट भोजन, मीठे पेय और बिस्किट जैसे उत्पाद इसी श्रेणी में आते हैं।

यह रिपोर्ट 1 करोड़ से ज्यादा लोगों पर की गई 45 अलग-अलग स्टडीज़ के आधार पर तैयार की गई है। इसमें साफ बताया गया है कि इन फूड्स का अधिक सेवन सिर्फ एक हेल्थ रिस्क नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मेरियन नेस्टल ने इस विषय पर कहा कि ‘हेल्दी’ अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स को बढ़ावा देना भी गलत दिशा में कदम है, क्योंकि शोध यह दिखाते हैं कि घर का बना ताजा खाना वजन घटाने और बीमारियों से बचाव के लिए सबसे प्रभावी होता है। अगस्त 2023 में की गई एक स्टडी में यह साफ हुआ कि घर का खाना खाने वालों ने ज्यादा वजन घटाया, जबकि ‘हेल्दी’ पैक्ड फूड का उतना असर नहीं देखा गया।

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हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ अल्ट्रा-प्रोसेस्ड उत्पाद जैसे लो-शुगर योगर्ट, होल ग्रेन ब्रेड और नट्स/बीन्स से बने स्प्रेड्स को सीमित मात्रा में खाया जा सकता है। लेकिन इनका सेवन भी नियमित रूप से मॉनिटर करना जरूरी है।

AHA की रिपोर्ट तैयार करने वाले ग्रुप के वाइस चेयर क्रिस्टोफर गार्डनर ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि कुछ प्रोसेस्ड फूड बाकी की तुलना में थोड़े बेहतर हैं, इसका यह मतलब नहीं कि पूरी इंडस्ट्री को क्लीन चिट दे दी जाए। आज के जंक फूड्स में जो केमिकल और कॉस्मेटिक एडिटिव्स डाले जाते हैं, वे न सिर्फ ओवरईटिंग को बढ़ावा देते हैं, बल्कि कई बीमारियों की जड़ भी बनते हैं।”

रिपोर्ट में यह भी सलाह दी गई है कि लोग अपनी डाइट में ताजे फल और सब्ज़ियां (बिना शक्कर या नमक के), होल ग्रेन्स जैसे ब्राउन राइस और ओट्स, और बिना नमक वाले नट्स और बीज को शामिल करें। यह खाद्य पदार्थ शरीर को आवश्यक पोषण देते हैं और लंबे समय तक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं।

AHA की यह रिपोर्ट स्पष्ट संदेश देती है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहना ही समझदारी है। यदि दिल की बीमारी, डायबिटीज, मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से बचना है, तो आज से ही घर का ताजा और पोषक खाना अपनाना जरूरी है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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