दिमाग कमजाेर, घुटता दम और पढ़ाई से भागता मन... दिल्ली में मासूमों के लिए जानलेवा बनी जहरीली हवा
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 01:03 PM (IST)
नारी डेस्क: बाल दिवस पर हमने बच्चों के अधिकारों की बातें तो बहुत की हैं, लेकिन हम एक अधिकार तो भूल ही गए। ये है खुलकर सांस लेने का अधिकार जिससे दिल्ली में रहने वाले बच्चे वंचित हो रहे हैं। क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में बच्चे सिर्फ़ बड़े नहीं हो रहे हैं वे हांफ रहे हैं। जिस हवा से उन्हें जीने, सीखने और खेलने में मदद मिलनी चाहिए वही हवा उनकी ज़िंदगी छोटी कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में जन्मे और रहने वाले बच्चों में जल्दी मरने, मानसिक बीमार होने, ज़्यादा बीमार पड़ने और स्कूल में खराब प्रदर्शन करने की संभावना ज़्यादा है - सिर्फ जहरीली हवा के कारण ।

दिल्ली की हवा बच्चों के लिए क्यों खतरनाक है?
दिल्ली में यह सिर्फ एक मौसमी समस्या नहीं पूरी पीढ़ी के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के अनुसार यह प्रदूषण बच्चों पर वयस्कों की तुलना में कई गुना ज़्यादा असर करता है। दिल्ली की हवा में मौजूद PM2.5 जैसे बेहद छोटे कण बच्चों की नाक के फिल्टर को पार करके सीधे फेफड़ों, दिमाग और खून में चले जाते हैं। यह कण इतने छोटे होते हैं कि इनसे शरीर खुद को बचा नहीं सकता यह लंबे समय तक अंदर जमा होते रहते हैं। बच्चों के अंग अभी विकसित हो रहे होते हैं, इसलिए नुकसान ज़्यादा होता है
बच्चों पर प्रदूषण के मुख्य खतरे
असमय मृत्यु (Early Death का जोखिम): गंभीर प्रदूषण से सांस की समस्याएं, अस्थमा, हृदय रोग, संक्रमण का खतरा 3–5 गुना बढ़ जाता है। कुछ शोध बताते हैं कि लगातार जहरीली हवा में रहने वाले बच्चों की life expectancy कम हो सकती है।
दिमाग के विकास पर बुरा असर: प्रदूषण बच्चों के brain development को धीमा कर देता है। इससे हो सकता है एकाग्रता कम, याददाश्त में कमी, पढ़ाई में कमजोरी, व्यवहारिक समस्याए। इससे बच्चों का IQ लेवल तक प्रभावित हो सकता है।
फेफड़ों का सही विकास रुक सकता है: दूषित हवा के कारण फेफड़े आधे विकसित ही रह जाते हैं, सांस फूलना, बार-बार खांसी, संक्रमण ये समस्याएं बड़े होकर भी बनी रहती हैं।
कमज़ोर इम्यून सिस्टम और बार-बार बीमारियां: डॉक्टरों के अनुसार प्रदूषण बच्चों के immune system को कमजोर कर देता है, जिससे वे वायरल, बैक्टीरियल, एलर्जी, न्यूमोनिया जैसी बीमारियों का आसान निशाना बन जाते हैं।
पूरी शिक्षा पर असर: जब बच्चा सांस की परेशानी, सिरदर्द, थकान, ब्रेन फॉग झेलता है, तो उसकी schooling और learning क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर पढ़ाई, परीक्षाएं, क्लास में ध्यान पर सीधे पड़ता है।

पूरी पीढ़ी पर है खतरा
दिल्ली में रहने वाले हर एक बच्चे की रोज़मर्रा की हवा इतनी ज़हरीली है कि उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं हो पा रहे, बीमारियां बढ़ रही हैं, मानसिक और शारीरिक क्षमताएं प्रभावित हो रही हैं, लंबे समय के रोगों का जोखिम बढ़ रहा है। यह एक public health emergency की स्थिति है।
माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान
-सुबह और देर शाम बच्चे को बाहर न ले जाएँ
-N95 मास्क पहनाएँ
-घर में air purifier या मोटे गीले कपड़े का अस्थायी फिल्टर लगाएं
- पानी और विटामिन-C वाला आहार दें
-स्कूलों में outdoor गतिविधियां रोकने का आग्रह करें

