सोने-चांदी की कीमत में भारी गिरावट: शादियों के सीजन में क्या रह गया है अब रेट?
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 02:04 PM (IST)
नारी डेस्क: शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। अमेरिका में दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव पड़ा। एमसीएक्स पर सोने की कीमत में लगभग 3,351 रुपये की गिरावट आई, जबकि चांदी में करीब 6,940 रुपये तक की कमी हुई।
सोने की कीमतें
5 दिसंबर की डिलीवरी वाला सोना कारोबारी समय के दौरान 1,21,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया था। अंत में यह 3,351 रुपये यानी लगभग 2.64% की गिरावट के साथ 1,23,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस सप्ताह की कुल स्थिति देखें तो सोने की कीमत में हफ्ते भर 2.3% की बढ़ोतरी रही।

चांदी की कीमतें
चांदी भी शुक्रवार को 6,940 रुपये यानी 4.27% गिरकर 1,55,530 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमत में लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के कड़े बयानों से निवेशकों में बढ़ा डर और शेयर बाजार में आई गिरावट रही। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के बयान और दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होने के कारण सोने और चांदी के बाजार में गिरावट आई। अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स भी 2.4% गिरकर $4,094.20 प्रति औंस पर बंद हुए।
शटडाउन और डेटा का असर
हाल ही में अमेरिका में सरकारी शटडाउन हुआ था, जिससे कई आर्थिक आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। निवेशकों को उम्मीद थी कि नए डेटा धीमी अर्थव्यवस्था का संकेत देंगे, जिससे फेड ब्याज दरों में कटौती कर सकता था और सोने की मांग बढ़ सकती थी। लेकिन अधिकारियों की कड़ी टिप्पणियों के बाद इस उम्मीद को झटका लगा।

शादियों के सीजन में निवेशकों की चिंता
सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट शादियों के सीजन में लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। इस समय सोने और चांदी की मांग सामान्यत: बढ़ती है, लेकिन कीमतों में इतनी तेजी से गिरावट ने निवेशकों और खरीददारों दोनों की योजना प्रभावित कर दी है। सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण होते हैं। दिसंबर में अमेरिकी ब्याज दरों की नीति, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव और आर्थिक आंकड़े इस समय बाजार की दिशा तय कर रहे हैं।

