Cord Blood: बच्चे को गंभीर बीमारियों से बचाना है तो पैदा होते ही जमा कर लें गर्भनाल रक्त
punjabkesari.in Sunday, Jan 30, 2022 - 04:55 PM (IST)
क्या आपने कभी कॉर्ड ब्लड का नाम सुना है? अगर नहीं है तो हम आपकाे विस्तार से इसके बारे में बताने जा रहे हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान मां से बच्चे को जोड़नेवाली गर्भनाल में जमा रक्त को कॉर्ड ब्लड कहा जाता है। बड़ी बात यह है कि इस ब्लड से इंसान के 80 से भी अधिक बीमारियों का इलाज संभव है। जी हां कैंसर जैसी घातक बीमारी भी इस ब्लड की मदद से ठीक की जा सकती है।
किसे कहा जाता है कॉर्ड ब्लड
यह तो हम सभी जानते हैं कि गर्भ में पल रहा शिशु माता के साथ गर्भनाल द्वारा जुड़ा रहता है। इसी गर्भनाल के द्वारा ही शिशु का पोषण होता है। गर्भनाल में स्टेम सेल ब्लड फ्लो होता है, इसके दोनों हिस्सों यानी अम्बिलिकल और प्लैसेंटा से होकर यह गर्भ में पहुंचता है जिसे बच्चे के विकास में सबसे जरूरी माना जाता है। इसे ही कॉर्ड ब्लड या स्टेम सेल ब्लड कहा जाता है।
बेहद ताकतवर है कॉर्ड ब्लड
गर्भनाल में जमा रक्त बिल्कुल सामान्य खून की तरह होता है लेकिन अंतर बस इतना होता है कि इसमें स्टेम सेल बहुत अधिक पाये जाते हैं। इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि आप स्टेम सेल को सुरक्षित रख देंगे तो बच्चे के बड़े होने के बाद भी इसका इस्तेमाल लीवर, किडनी, लंग डैमेज जैसी बिमारी के उपचार के लिए किया जा सकता है। इस रक्त को पिछले कुछ समय तक बेकार समझकर फेंक दिया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में डॉक्टरों ने ये पता लगाया है कि इसका उपयोग संभावित चिकित्सीय उपचार में किया जा सकता है।
कॉर्ड ब्लड के फायदे
-शिशु के जन्मजात रोग का खुद के स्टेम सेल से किया जा सकता है उपचार
-भविष्य में होने वाले ब्लड कैंसर से भी बचाता है कॉर्ड ब्लड
-कैंसर के उपचार में भी कॉर्ड ब्लड का किया जा सकता है इस्तेमाल
-लिम्फोमा से बचाने में भी कॉर्ड ब्लड बैकिंग करती है मदद ।
-एनीमिया के उपचार में भी कॉर्ड ब्लड बैकिंग प्रभावी।
-जेनेटिकल ब्लड डिसऑर्डर का इलाज भी है संभव।
-सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम में भी स्टोर किया गया कॉर्ड ब्लड आता है काम।
-बोन मैरो ट्रांसप्लांट में भी फायदेमंद साबित होता है कॉर्ड ब्लड।
कैसे स्टोर किया जाता है ब्लड
ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्लड सेल्स किसी और में इस्तेमाल नहीं कर सकते। लेकिन एक बार अगर आप इसे बैंक में रखवा लेते हैं, तो पूरे जीवन यह एक कवच की तरह रहेगा। इसे स्टोर कराने के लिए आपको प्राइवेट ब्लड-बैंक का सहारा लेना होगा। एक बार ब्लड सेल कलेक्ट होने के बाद अगले 21 साल तक वे इसे प्रिजर्व रखते हैं। 21 सालों की कीमत 47 हजार है, जिसे EMI बेसिस पर भी दिया जा सकता है।
मां और बच्चे को नहीं होता कोई खतरा
डॉक्टरों की मानें तो गर्भनाल से ब्लड निकालने में मां या शिशु के लिए कोई दर्द या खतरा नहीं होता है। जैसे ही बच्चे का जन्म होता है, डॉक्टर गर्भनाल को दो स्थानों पर लगभग 10 इंच अलग कर देगा और गर्भनाल को काटकर दोनों को अलग कर देगा। फिर वह एक सुई डालेगा और लगभग 40 मिलीलीटर बच्चे के गर्भनाल रक्त को इकट्ठा करेगा और उसे एक बैग में संग्रहित करेगा जिसे वह तब सील कर भंडारण और आगे के परीक्षणों के लिए बैंक को भेजता है। पूरी संग्रह प्रक्रिया मां और बच्चे दोनों के लिए बिल्कुल भी जोखिम भरी नहीं है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पुंछ में भीषण हादसा, सवारियों से भरा वाहन खाई में गिरा