भाई नहीं है तो लड्डू गोपाल को बांधे राखी, पेड़ पर भी बांध सकते हैं रक्षा का सूत्र
punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2023 - 07:07 PM (IST)
भारत में हर त्योहार को खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। इसमें से एक है रक्षाबंधन। ये पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। इस बार रक्षाबंधन का पर्व 30 और अगस्त 31 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। जिन बहनों के भाई नहीं है वो लोग भी कुछ चीजों को राखी बांध सकती हैं जिनसे उनकी रक्षा हमेशा होगी। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में....
बजरंगबली गणेश जी या लड्डू गोपाल को बांधे राखी
रक्षाबंधन के दिन बजरंगबली/ गणेश जी या लड्डू गोपाल को राखी बांधना बहुत शुभ माना जाता है। इससे कुंडली में मौजूद मंगल दोष धीरे- धीरे कम होने लगता है। हनुमान जी को राखी बांधने से बुद्धि और बल की प्राप्ति होती है और बुरी शक्तियां से बचाव होता है।
पेड़ों को बांध सकते हैं राखी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिन बहनों के भाई नहीं है वो कुछ वृक्षों को राखी बांध सकती हैं। बहनें नीम, बरगद, आंवला, केला, शमी और तुलसी को राखी बांध सकती हैं। माना जाता है कि आंवला, नीम या बरगद में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु और महेश बसते हैं। इन पेड़ों को राखी बांधने पर तीनों ही देवता बेहद प्रसन्न होते हैं। वहीं तुलसी को राखी बांधने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं। तुलसी को राखी बांधने से घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहती है। शमी के पौधे को राखी बांधने से शनि देव और भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और रक्षा का वरदान देते हैं। केले के पेड़ में भगवान विष्णु बसते हैं। अगर आप केले के पेड़ को राखी बांधती हैं तो आप पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहेगी।
कलश को बांधे राखी
पौराणिक मान्याताओं के अनुसार पूजा के कलश में राखी बांधना बहुत शुभ होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु विराजते हैं, कलश के कंठ भाग में भगवान शिव और मूल भाग में ब्रह्मदेव का वास होता है। इसके मध्य में मातृ शक्तियां विराजती हैं। इसलिए अगर पूजा के कलश को राखी बांधती हैं तो सभी देवी- देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नागदेव को बांधे राखी
नागपंचमी के दिन मनसा देवी के भाई वासुकी के साथ सभी नागों की पूजा की जाती है। इसी के चलते रक्षाबंधन के दिन नाग देवता को राखी बांधना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में मौजूद सर्प दोष से निजात मिल जाती है।