औरतों को Thyroid होने की निशानियां, देसी नुस्खे से करें बीमारी कंट्रोल

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2024 - 06:47 PM (IST)

नारी डेस्कः महिलाओं को होने वाले हैल्थ इश्यूज में थायराइड (Thyroid) रोग भी सबसे आम है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ये बीमारी अधिक होती है। भारत में भारत में थायराइड की समस्या काफी आम है। अलग अलग स्टडी के मुताबिक, भारत में लगभग 10-12% आबादी थायराइड विकारों से प्रभावित है। महिलाओं में थायराइड विकार पुरुषों की तुलना में 5-8 गुना अधिक होते हैं। लगभग 20-25% भारतीय महिलाएं अपने जीवन के किसी न किसी बिंदु पर थायराइड विकारों का सामना करती हैं जिनमें सबसे आम हैं हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन का कम स्तर) और हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन का उच्च स्तर)। इसका असर महिला की  इंफर्टिलिटी पर पड़ता है। इसके कारण महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती उन्हें प्रैग्नेंसी कंसीव करने में दिक्कत होती है। ऐसे में थायराइड पर कंट्रोल रखने के लिए दवा लेना बहुत जरूरी होता है। साथ ही डाइट, एक्सरसाइज व फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान देना जरूरी होता है।

थायराइड रोग होता क्या है? | Thyroid Kyon hota hai

थायराइड रोग, हार्मोनल गड़बड़ी से जुड़ा रोग है जब शरीर में हार्मोंस का बेलेंस बिगड़ता है तो थायराइड की समस्या होती है जिसका कारण काफी हद तक गलत लाइफस्टाइल और डाइट को ही मुख्य तौर पर माना जाता है। बेशक थायराइड का एक कारण गलत लाइफस्टाइल है लेकिन ऑटो-इम्यून डिसीज वालों को इसका अधिक खतरा होता है। थायराइड गले में बटरफ्लाई आकार का एक एंडोक्राइन ग्लैंड होता है, जो मेटाबॉलिज्म, हार्ट फंक्शन, हड्डियों, स्किन और आंतड़ियों के फंक्शन को सही तरीके से काम करने के लिए मददगार है। जब यह असंतुलित हो जाता है तो यह समस्या शुरु होने लगती है।

थायराइड में क्या लक्षण दिखते हैं? | Thyroid ke lakshan

मुख्य तौर पर थायराइड दो तरह का होता है हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड। हाइपो थायराइड में मोटापा, कमजोरी, थकान रहना, डिप्रेशन, तनाव, नींद न आना, सिर दर्द या गर्दन में दर्द होना आदि संकेत दिखते हैं जबकि हाइपर थायराइड तब होता है जब यह प्रॉब्लम बढ़ जाती है। इसमें नर्वनेस, हाथ कांपना, धड़कन तेज होना जैसे लक्षण दिखाई देते है। वहीं कुछ केसेज में चेहरे व शरीर पर मोटे अनचाहे  
बाल भी आने लगते हैं।
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औरतों में हाइपो थायराइड के लक्षण | Thyroid Symptoms in Female 

बाकियों के मुकाबले ज्यादा ठंड लगना।
कब्ज रहना।
मांसपेशियों में कमजोरी होना।
वजन बढ़ना, बिना डाइट लिए भी बढ़ते रहना।
जोड़ और मसल्स पेन
मूड उदास और डिप्रेस होना। 
बहुत ज्यादा थकान रहना।
ड्राई और पीलेपन में त्वचा

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महिला को थायराइड होने की सबसे अधिक संभावना कब ?

मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को थायराइड होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। साथ ही बढ़ती उम्र, कार्बोहाइड्रेट्स न लेने, ज्यादा नमक या सी फूड खाना और हाशिमोटो रोग से ग्रस्त महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। साथ ही शरीर में आयोडीन और विटामिन बी12 के कमी के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।

प्रैग्नेंसी और थायराइड| Pregnancy Mein Thyroid hona

अगर प्रेगनेंसी में आपको थायराइड हो गया है तो अपनी सेहत पर खास ध्यान दें। प्रेग्नेंट महिलाओं को समय पर थायराइड का चेकअप करवाना चाहिए। साथ ही इसकी दवाई भी बढ़ती जाती है लेकिन इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म आमतौर पर हाशिमोटो रोग के कारण होता है और हर 100 गर्भधारण में से 2 से 3 में होता है। हाशिमोटो रोग एक ऑटोइम्यून विकार है। हाशिमोटो रोग में, प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी बनाती है जो थायरॉयड पर हमला करती है, जिससे सूजन और नुकसान होता है। गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड का सामान्य स्तर 0.4-4 mIU/L होता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में थायरॉइड का स्तर 0.1 mIU/L से कम और 2.5 mIU/L से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।

थायराइड की दवा कब तक और कैसे लें?| Thyroid ki Medicine Kaise Le

हाइपो थायराइड की दवा सारी उम्र लेनी पड़ती लेकिन हाइपर थायराइड मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। इसमें कभी तो दवा पूरी उम्र लेनी पड़ती है लेकिन कभी बीच में ही बंद कर दी जाती है। इसकी ज्यादा जानकारी आप अपने डाक्टर से ले ताकि आपको दवाई कब कैसे खानी है इसकी जानकारी हो जाए।

नॉर्मल थायराइड (Normal Thyroid) कितना होना चाहिए?| thyroid kitna hona chahiye

एक पुरुष में सामान्य थायराइड स्तर 0.5-4.15 mIU/L होना चाहिए। 0.5 mIU/L से कम थायराइड लेवल लॉ होता है जबकि 4.5 mIU/L से अधिक थायराइड का स्तर हाई होता है। वही 18 से 29 साल तक की महिलाओं में सामान्य थायराइड स्तर 0.4-2.34 mIU/L होना चाहिए। हालांकि, ये रेंज प्रयोगशाला और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर कर सकती हैं। टेस्ट के परिणामों को समझने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से
सलाह लें।

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कौन सा थायराइड खतरनाक है?

थायराइड स्टॉर्म, जिसे थायरोटॉक्सिक क्राइसिस भी कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है जो थायराइड हार्मोन के अत्यधिक बढ़ने के कारण होती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, तेजी से दिल की धड़कन, भ्रम, उल्टी और अन्य गंभीर लक्षण शामिल हो सकते हैं। यह स्थिति अक्सर अंडरलाइन थायरॉयड विकारों, जैसे ग्रेव्स रोग, से जुड़ी होती है। अगर किसी को थायरॉइड स्टॉर्म के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है। समय पर उपचार से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और जानलेवा परिणामों से बचा जा सकता है। इलाज के बाद भी यह जानलेवा हो सकता है। थायरॉइड स्टॉर्म के लगभग 10% से 30% मामलों में मौत हो जाती है। अगर आपको थायरॉइड स्टॉर्म के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो जल्द से जल्द अस्पताल जाना ज़रूरी है।

क्या थायराइड पूरी तरह ठीक हो सकता है?| Kya Thyroid Puri Tarah Thik Ho skta hai

थायराइड को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव की मदद से इसे कंट्रोल में किया जा सकता है।

थायराइड जड़ से खत्म हो सकता है?| Thyroid Treatment

कुछ रिपोर्ट्स व जानकारी के मुताबिक, इस रोग को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन कंट्रोल में रखा जा सकता है हालांकि बाबा रामदेव के मुताबिक, थायराइड को घर पर ही ठीक किया जा सकता है। योग गुरु के मुताबिक, बबूल की छाल का काढ़ा, बहेड़े का काढ़ा, एलोवेरा, हल्दी और उसमें अमरूद के पत्ते डालकर गरारे करने से थायराइड को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से ले सकते हैं। 

कच्चा नारियल करता है थायराइड कंट्रोल| Thyroid Ka Desi Ilaj

थायरॉइड को कंट्रोल करने में कच्चा नारियल भी असरदार साबित होता है। रोजाना सुबह कच्चा नारियल खाने से मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है। डाइट में पनीर, दूध, दही और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स खाने से थायराइड को कम किया जा सकता है। इससे शरीर को कैल्शियम, विटामिन और मिनरल मिलते हैं, जो आपको शरीर को हेल्दी बनाते हैं ज्यादा जानकारी इस रोग के विशेषज्ञ से लें। 

क्या थायराइड की दवा पूरी उम्र खानी पड़ती है?

जी हां, एक बार किसी को थायरॉइड हो जाए तो जिंदगीभर दवा लेनी पड़ती है हालांकि सही इलाज और बेहतर लाइफस्टाइल की मदद से कुछ मरीज हाइपरथाइरॉयडिज्म से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन यह  थायराइड बढ़ जाए तो शरीर की फंक्शनिंग बिगड़ने लगती है। थायराइड को हो जाए तो भी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है इसलिए दवाई के बारे में डॉक्टर से जानकारी लेकर ही कोई स्टेप उठाएं।

अगर थायराइड की समस्या है तो क्या करें?

रोज कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज और योग जरूर करें। डाइट में फल, सब्जियां, विटामिन, मिनिरल्स, आयरन सप्लीमेंट्स अधिक लें। इसके लिए अलावा मैदा से बने प्रोडक्ट जैसे पास्ता, जंकफूड, मैगी, व्हाइट ब्रेड, सॉफ्ट ड्रिंक, अल्कोहल, कैफीन, रेड मीट, ज्यादा मीठी चीजें जैसे मिठाई, चॉकलेट से परहेज करें।

अगर मरीज गलती से दो थायराइड की गोलियां लें तो क्या होगा?| Thyroid Medicine

अगर कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा लेवोथायरोक्सिन ले लेता है या गलती से ले लेता है, तो उसे तुरंत पॉइज़न कंट्रोल से सलाह लेनी चाहिए। अगर ऐसा हो तो चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। 

थायराइड मरीज के डाइट से जुड़े सवाल जवाब| Thyroid Mein kya diet lena Chahiye

थायराइड में डाइट का अहम रोल रहता है। कुछ चीजें इस रोग को कंट्रोल करने में मददगार होती है तो कुछ आहार बीमारी को बड़ा भी देते हैं। ऐसे में थायराइड मरीज को अपनी डाइट से जुड़ी हर जानकारी होनी चाहिए। 

थायराइड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए? | Thyroid Mein Kya Khayein

थायराइड रोगियों के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने भोजन में  सेलेनियम, और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए, क्योंकि ये पोषक तत्व थायराइड हार्मोन के उत्पादन में मदद करते हैं। विटामिन बी 12, मैग्नीशियम, आयरन जरूर लें। प्रोटीन स्रोत, जैसे दालें, नट्स, और मछली, भी फायदेमंद हैं। साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस और ओट्स, का सेवन करना भी अच्छा रहता है। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहना और जंक फूड, चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। डाइट में विटामिन डी,  अपने चिकित्सक या पोषण विशेषज्ञ के साथ सलाह-मशविरा करके एक व्यक्तिगत डाइट योजना बनाना सर्वोत्तम है।

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थायराइड में सुबह खाली पेट क्या खाना चाहिए?

अगर आप थायराइड मरीज है तो खाली पेट लौकी का जूस पी सकते हैं। लौकी का जूस पीने से थायराइड की समस्या में आराम मिलता है और बीमारी कंट्रोल में रहती है। यह एनर्जी बूस्टर का काम करता है।लौकी का जूस पीने से वज़न भी कम होता है। थायराइड की समस्या में चुकंदर और गाजर का जूस भी फायदेमंद होता है। गाजर और चुकंदर खाने से आयरन, विटामिन A, फ़ॉलिक एसिड, और दूसरे विटामिन की कमी को पूरा किया जा सकता है।

थायराइड में कौन सी सब्जी ना खाएं?

पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली जैसी सब्जियां जिन्हें ब्रैसिका वेजीज कहा जाता है थायरॉइड रोगी को बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। ये सब्जियां गोइट्रोजेन नामक एंटी-थायरॉइड कम्पाउंड्स से भरपूर होती हैं जो थायरॉइड के सामान्य कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। 

थायराइड रोगी को चावल खाने चाहिए?

रोटी के मुकाबले में चावल में फैट काफी ज्यादा होता है। इसी के साथ चावल में कॉर्बोहाइड्रेट और कैलोरीज काफी ज्यादा होती है। चावल खाने से मेटाबोलिक स‍िंड्रोम और शरीर में थायराइड के साथ-साथ टाइप 2 डायब‍िटीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है इसलिए थायराइड मरीज चावल अवॉइड करें।

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थायराइड में आलू खा सकते हैं?

आलू में गोइट्रोजेनिक तत्व नहीं होते। यदि आप हाइपोथायरायडिज्म से ग्रस्त हैं तो आलू का अधिक सेवन न करें, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो वजन बढ़ा सकते हैं। आलू को भाप में पका कर या उबालकर खाना ज्यादा अच्छा है। तले हुए आलू से बचना चाहिए, क्योंकि ये अस्वस्थ वसा और कैलोरी बढ़ाते हैं।

थायराइड में परहेज क्या करें? Thyroid Mein Kya Nahi Khana Chahiye

थायराइड के रोगियों को कुछ विशेष आहारों से परहेज करना चाहिए, खासकर जब वे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म से ग्रस्त हों।

गोइट्रोजेनिक खाद्य पदार्थ: ये खाद्य पदार्थ थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं। जैसे ब्रोकली, गोभी, ब्रोकोली, काले चने, सोया उत्पाद

अतिरिक्त आयोडीन: हाइपरथायरायडिज्म वाले लोगों को आयोडीन से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे समुद्री भोजन और आयोडीन युक्त नमक से परहेज करना चाहिए। लेकिन अगर आपका डाक्टर आपको इसका सही मात्रा में सेवन करने को कहता है तो आप उचित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए केला, दूध, स्ट्रॉबेरी, गाजर, आड़ू, नाशपाती खाए लेकिन उचित मात्रा में। 

प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: इनमें अधिक शर्करा, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा होते हैं जो थायराइड स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

कैफीन और एल्कोहल: चाय कॉफी और कैफीन युक्त चीजों से परहेज करें। एल्कोहल का सेवन भी सलाह से करें क्योंकि यह भी थायराइड की समस्या को बढ़ाता है।

फास्ट फूड और तले-भुने खाद्य पदार्थ: ये शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं और थायराइड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

यदि आपके थायराइड के स्तर में असामान्यता है तो एक पोषण विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है ताकि आपके लिए उचित आहार योजना बनाई जा सके।

याद रखें जरूरी बातें

थायराइड रोग कोई बड़ी परेशानी नहीं है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें और दवा समय पर लें तो इस रोग को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। थायराइड की दवा खाली पेट खाएं और इसके आधे घंटे तक चाय, दूध का सेवन  ना करें। साथ ही तनाव मुक्त रहें और हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। महत्वपूर्ण बात यह है कि हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करके ही आप थायराइड को कंट्रोल कर सकती हैं।


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Content Writer

Vandana

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