Thyroid से परेशान औरतें खाली पेट पीना शुरू करें दें ये जूस, जड़ से जाएगी बीमारी!
punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 06:24 PM (IST)
नारी डेस्कः महिलाओं को होने वाली बीमारियों में थायराइड भी एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी में या तो मरीज का वजन तेजी से बढ़ने लगता है या कम होने लगता है और इस रोग की वजह हार्मोन्स गड़बड़ी है। यह पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होता है। आयुर्वेद की मानें तो थाइराइड का संबंध वात, पित्त और कफ से है। थायराइइड ग्लैंड हमारे शरीर में पाई जाने वाली सबसे बढ़ी अंतस्रावी ग्रंथियों में से एक है और जब इसमें खराबी होती है तो थायराइड की परेशानी शुरू हो जाती है, जिसे हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं।
थायराइड क्या है?
गर्दन के अंदर स्थित थायराइड एक तरह का एंडोक्राइन ग्रंथि(नलिकाहीन ग्रन्तियां) है जो हॉर्मोन का निर्माण करते हैं। थायराइड ग्रंथि टी3 और टी4 थायरॉक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करती है जो की पाचन तंत्र, हार्ट रेट, सांस और बॉडी टेम्परेचर पर डायरेक्ट प्रभाव डालती है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, लैंगिक, मानसिक वृद्धि और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कंट्रोल करता है लेकिन जब इन हार्मोंन्स के निर्माण में ही गड़बड़ी होने लगती है तो यह सारी चीजों का बैलेंस भी खराब होने लगता है। खराब लाइफस्टाइल और अव्यवस्थित खानपान, लंबे समय से स्ट्रेस, ज्यादा उम्र, आयोडीन की कमी, वायरल इंफेक्शन, आनुवंशिकता, ये सब थायराइड को बढ़ावा देते हैं। महिलाओं में थायराइड होने के और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे- हार्मोनल असंतुलन, गर्भावस्था के बाद शारीरिक बदलाव, डिप्रेशन, इत्यादि।हाइपर-थायराइडिज्म होने पर थायराइड हार्मोंन्स अत्यधिक मात्रा में बनते हैं और हाइपो-थायराइडिजम में हॉर्मोन कम मात्रा में बनते हैं।
महिलाओं में थायराइड के कारण (Causes of Thyroid In Female In Hindi)
महिलाओं में थायराइड होने के कई कारण हो सकते हैं, चलिए उन्हीं में से कुछ मुख्य कारण आपको बताते हैं।
हार्मोनल गड़बड़ीः महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलित होना बहुत जरूरी है जिसमें थाइराइड हार्मोन भी शामिल है। यदि किसी कारण से हार्मोनल असंतुलन होता है तो यह भी थायराइड का कारण हो सकता है।
आनुवंशिकता कारणः अगर परिवार में पहले ही थायराइड की समस्याएं है तो महिला को यह रोग हो सकता है।
गर्भावस्थाः बहुत सी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड हो जाता है क्योंकि गर्भावस्था के समय थायराइड हार्मोन्स में बदलाव होते हैं जो थाइराइड बीमारी का कारण बनता है।
उम्रः थायराइड की समस्या अधिकतर ज्यादा उम्र वाले लोगों या महिलाओं में होती है जैसे जैसे उम्र बढ़ती है इस बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है।
दवाइयां या एंटी-बायोटिक्सः अगर दवाइयों और एंटी-बायोटिक्स का ज्यादा सेवन करते हैं, लाइफस्टाइल खराब है तो भी यह समस्या हो सकती है।
पोषक तत्वों की कमीः शरीर में कुछ खास खाद्य पदार्थों की कमी से भी यह समस्या हो सकती है।
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थायराइड होने के लक्षण (Symptoms Of Thyroid )
यदि आपको थायराइड की समस्या है तो आपके शरीर में कई तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यह लक्षण कई बार इतने आम हो सकते हैं कि कई बार इसे पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। चलिए आपको कुछ खास लक्षण बताते हैं जो थायराइड की समस्या में नजर आते हैं।
हाइपरथायराइड (Hyperthyroidism) के लक्षण क्या है?
स्वभाव में चिड़चिड़ापन
बहुत ज्यादा पसीना आना।
घबराहट और बैचेनी।
दिल की धड़कन का बढ़ना।
अनिद्रा (निंद की समस्या) होना।
वजन का कम होना।
भूख ज्यादा लगना।
मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द का रहना।
हाइपोथायराइड(Hypothyroidism) के लक्षण क्या है?
डिप्रेशन होना।
पसीना कम आना।
धड़कन की गति स्लो होना।
बालों कमजोर होना और झड़ना।
हमेशा थकान महसूस होना।
ज्वाइंट पेन और मांसपेशियों का अकड़ना।
आंखों और चेहरे पर सूजन।
ब्लड में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना।
कब्ज की समस्या रहना।
पीरियड्स की अनियमितता।
याद्दाश्त कमजोर होना।
थायराइड की समस्या होने पर बांझपन की समस्या भी होने लगती हैं। बहुत सी महिलाओं को कंसीव करने में प्रॉब्लम होती है।
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थायराइड के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Thyroid)
लौकी: थायराइड की बीमारी से निजात पाने के लिए रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पीएं। यह थायराइड को कंट्रोल करने में बहुत ज्यादा फायेदमंद है।
हरा धनिया: हरे धनिया भी थायराइड की बीमारी को ठीक करने में मददगार है। बारीक पीसे धनिए को एक ग्लास पानी में घोल कर पिएं।
आयोडीन: थायराइड से ग्रस्त मरीजों को आयोडीन (IODINE) युक्त आहार का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिए। इसका अच्छा स्रोत प्याज, लहसुन और टमाटर जैसी चीजें हैं।
नारियल पानी: थायराइड मरीज को हर दूसरे दिन नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
हल्दी: हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाए जाते हैं जो थायराइड को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं। सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना थायराइड मरीजों के लिए अच्छा होता है।
तुलसी: दो चम्मच तुलसी के रस के साथ आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिलाकर सेवन करने से थायराइड खत्म होता है।
थायराइड को कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक तरीके
अश्वगंधाः यह एक अद्भुत हर्ब है, जो थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाने और तनाव कम करने में सहायक है।
गुग्गुलः यह आयुर्वेद में एक प्रभावी औषधि मानी जाती है जो मेटाबॉलिज्म को सुधारकर थायराइड को नियंत्रित करती है।
ब्राह्मीः मस्तिष्क को शांत रखती है और थायराइड के कारण होने वाले तनाव को कम करने में मदद करती है।
त्रिफलाः शरीर से विषैले तत्वों को निकालकर पाचन तंत्र को मजबूत करता है, जिससे थायराइड सही तरीके से काम करता है।
थायराइड मरीज के लिए डाइट प्लान (Thyroid patient Diet Plan)
नारियल का तेल (Coconut Oil): यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और थायराइड को हेल्दी रखता है इसलिए नारियल तेल में बना खाना खाएं।
अखरोट और बादामः इन दोनों मेवों में सेलेनियम होता है जो थायराइड ग्रंथि के लिए अच्छा है।
दही और पनीर: ये प्रोबायोटिक्स होते हैं, जिससे थायराइड को सही ढंग से कार्य करने में मदद करते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन व अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जो थायराइड को नियंत्रित करते हैं।
हल्दीः सूजन को कम करने और थायराइड फंक्शन को सुधारने में हल्दी मदद करती है इसलिए हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद है।
अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा फल-सब्जियों को शामिल करें।
आयोडीन युक्त आहार लें। ऐसे साबुत अनाजों का सेवन करें, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में हो।
कम फैट वाले भोजन का सेवन करें।
अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन-डी से युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। जैसे- दूध व चीज।
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थायराइड की समस्या में क्या ना खाएं?
ज्यादा प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड ना खाएं।
ज्यादा नमक और चीनी ना खाएं।
कैफीन और शराब से परहेज करें।
अगर हाइपोथायरायडिज्म की समस्या है तो ज्यादा गोभी, ब्रोकली और सोया उत्पाद ना खाएं।
योगासन जो थायराइड के लिए फायदेमंद
सर्वांगासन– सर्वांगासन करने से थायराइड ग्रंथि एक्टिव होती है।
मत्स्यासन (Fish Pose) – थायराइड के कार्य को संतुलित करने में फिश पोज मदद करता है।
हलासन (Plow Pose) – इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन सही होता है जो थायराइड के लिए फायदेमंद है।
भुजंगासन (Cobra Pose) – भुजंगासन भी हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
प्राणायाम भी बहुत फायदेमंद
उज्जायी प्राणायाम – उज्जायी प्राणायाम गले की नाड़ियों को शांत करता है और थायराइड को एक्टिवेट करता है।
अनुलोम-विलोम – शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है और थायराइड हार्मोन को बैलेंस करता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी
पर्याप्त नींद लें – रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेने से शरीर की हार्मोनल बेलेंस में रहते हैं।
भरपूर पानी पिएं – शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं।
ध्यान और मेडिटेशन करें – थायराइड के मरीजों के लिए मानसिक शांति जरूरी है। ध्यान करने से स्ट्रेस हार्मोन (Cortisol) कम होता है, जिससे थायराइड नियंत्रित रहता है।
डिस्कलेमरः थायराइड को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय फायदेमंद हो सकते हैं लेकिन बिना चिकित्सक परामर्श के इसे खुद से फॉलो ना करें। थायराइड को कंट्रोल करने में संतुलित आहार अहम रोल निभाता है इसलिए सही डाइट प्लान को फॉलो करें। योग, प्राणायाम और सही दिनचर्या अपनाकर थायराइड हार्मोन को संतुलित रखा जा सकता है। यदि समस्या ज्यादा गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।