सुप्रीम कोर्ट का एतिहासिक दिन, पहली बार 3 महिलाओं ने ली जस्टिस पद की शपथ
punjabkesari.in Tuesday, Aug 31, 2021 - 06:57 PM (IST)
कौन कहता है कि आज की महिलाएं पुरुषों से कम है? जहां टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की बेटियों का जलवा बरकरार है वहींं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार 3 महिलाओं ने जस्टिस पद की शपथ ली है। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार ऐसा हुआ है कि एकसाथ 9 जजों ने शपथ ली हो। जिसमें से 3 जज महिलाएं हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 11 अब महिला न्यायाधीश हो गई हैं। चलिए आपको बताते हैं शपथ लेने वाली उन 3 महिला जजों के बारे में...
जस्टिस हिमा कोहली
पहले बात करते हैं जस्टिस हिमा कोहली की जिन्हें तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले हिमा कोहली दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में साल 2006 को नियुक्त की गई थी। जिसके एक साल बाद उन्हें जज बना दिया गया था। वहीं इस साल जनवरी में जस्टिस हिमा कोहली को तेलंगाना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। इस पद के लिए उनका कार्यकाल 2 सितंबर, 2024 तक चलेगा।
जस्टिस बी वी नागरत्ना
जस्टिस बी वी नागरत्ना ने कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट की जज बनी हैं। इसके साथ ही 2027 में जस्टिस बी वी नागरत्ना वरिष्ठता के क्रम में देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनेंगी। पहली बार भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा हो रहा है जब चीफ जस्टिस के पद पर कोई महिला जज नियुक्त की जाएगी लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ 36 दिनों का ही होगा। जस्टिस नागरत्ना के पिता ई एस वेंकटरमैया 1989 में चीफ जस्टिस बने थे। वहीं ऐसा पहली बार होगा जब पिता-बेटी सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। इस पद पर 10 जून, 2025 तक उनका कार्यकाल रहेगा। बेला एम त्रिवेदी गुजरात उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश है। साल 2011 में बेला एम त्रिवेदी को राजस्थान उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर किया गया था। हालांकि फरवरी 2016 में वापिस उनका ट्रांसफर गुजरात उच्च न्यायालय में कर दिया गया। गुजरात हाईकोर्ट में साल 2003 से 2006 तक उन्होंने लॉ सेक्रेटरी के पद पर अपनी सेवाएं दी।