Birthday Special: जानें 'सूफी की सुल्ताना' Harshdeep Kaur गाते समय क्यों पहनती है पगड़ी
punjabkesari.in Saturday, Dec 17, 2022 - 10:22 AM (IST)
बॉलीवुड की टॉप सिंगर्स में शुमार हर्षदीप कौर आज अपना 36 वां जन्मदिन मना रही हैं। अपनी अनूठी और रुहानी आवाज के साथ जब हर्षदीप गाती हैं तो चाहे गायन से संबंध रखने वाले लोग हों या दर्शक। सब बस मंत्रमुग्ध होकर रह जाते हैं। अपनी सूफी आवाज का जादू बिखेकर संगीत की दुनिया में अलग बनाता ही है साथ ही उनका पहनाना भी एक दम जुदा है। आपने ज्यादातर उन्हें फुल देसी स्टाइल अटायर के साथ सिर पर पगड़ी बांधे परफॉर्म करते देखा होगा,लेकिन क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है, तो चलिए जन्मदिन के मौके पर जानते हैं हर्षदीप कौर की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें।
पांच भाषाओं में गाना गा लेती हैं हर्षदीप
16 दिसंबर 1986 को दिल्ली में जन्मीं हर्षदीप कौर ने महज 6 साल की उम्र से संगीत सीखना शुरु कर दिया था। उन्होनें अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही की है। अब वो बॉलीवुड की जानी-मानी सिंगर हैं, लेकिन हिंदी के आलवा वो 4 और भाषाओं पंजाबी, तमिल, मलयालम और उर्दू में भी गा चुकी हैं।
हर्षदीप को मिल चुकी हैं सूफी की सुल्ताना का खिताब
साल 2008 में हर्षदीप ने सिंगिग कंप्टीशन 'जुनून कुछ कर दिखाने का' में हिस्सा लिया था, इस शो में उन्होनें अपने मेंटर उस्ताद राहत फतेह अली खान के साथ सूफी की सुल्तान जॉनर के लिए कंपीट किया था और जीत भी हासिल की थी। शो के ग्रैंड फिनाले में खास गेस्ट रहे महानायक अमिताभ बच्चन ने उन्हें सूफी की सुल्ताना के खिताब से सम्मानित किया था। इसके बाद उन्होनें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बॉलीवुड के लिए 'इक ओंकार ', 'कंतियां करुं','दिलबरों',' जुगनी',' नचदे ने सारे' और 'जालिमा' जैसे हिट गानें गाएं हैं।
क्यों पगड़ी पहनकर परफॉर्म करती हैं हर्षदीप कौर?
सूफी की सुल्ताना के नाम से मशहूर हर्षदीप को ज्यादातर पगड़ी में परफॉर्म करते देखा जाता है। दरअसल इसके पीछे की वजह बताई जाती है कि कंप्टीशन 'जुनून कुछ कर दिखाने का' शो में ही हर्षदीप अपने सिर को ढंककर गाना चाहती थीं, बताया जाता है कि यह धार्मिक वजह से भी जरूरी था। इसलिए उन्होंन दुपट्टे से सिर ढंकने का फैसला किया लेकिन उनके जीजा ने सलहा दी कि वह पगड़ी पहनकर जाएं। उस दौरान शो के माहौल के हिसाब से हर्षदीप एक लॉन्ग सूफी अटायर पहनती थीं और साथ में पग भी लेती थीं। ये शो जीतने के बाद यह पगड़ी उनके आउटफिट का हिस्सा बन गई जो आज भी है।