चिकनगुनिया का रामबाण इलाज हैं ये आयुर्वेदिक काढ़े
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2019 - 10:16 AM (IST)
मौसम में आ रहे बदलाव के कारण लोगों में वायरल काफी देखने को मिलते है। वायरल के साथ लोगों में चिकनगुनिया की बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। चिकनगुनिया का इलाज चाहे कुछ दिनों में हो जाता है लेकिन शरीर पर उसका कई हफ्तों व महीनों तक रहता हैं। इसके असर को कम करने के लिए दवाइयों के साथ आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाना चाहिए।
लक्षण
- अचानक बुखार
- हड्डियों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- थकान
- त्वचा पर रैशेस
रामबाण हैं ये काढ़े
चिकनगुनिया के रोगी को तुलसी, गुरुति, चिरायता, मुलैठी, कालमेघ, सुष्ठि, कालीमिर्च, भुंई आंवला, पपीते के पत्ते, भ्रंगराज, वासा व इलायची का काढ़ा देना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें गिलोय के तने, नीम, हरसिंगार की पत्तियों का काढ़ा देना चाहिए।
तुलसी
चिकनगुनिया में नीम की गिलोय, सोंठ, छोटी पीपर और गुड़ के साथ तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से चिकनगुनिया का इलाज संभव है। 3 बार कढ़ा लेने से चिकगुनिया की समस्या कम हो सकती हैं।
गिलोय
गिलोय को तने को पानी में उबाल कर काढ़े की तरह लेने से बहुत ही जल्द आराम मिलता है। बदलते मौसम में रोजाना एक बार इसका इलाज करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता हैं। अगर आप गिलोय का काढ़ा नही पीना चाहते है तो बाजार में इसकी गोलियां उपलब्ध है आप वह भी ले सकते हैं।
पपीते के पत्ते
7 से 8 पपीते के पत्तों को साफ कर पानी के ग्राइंड कर पेस्ट बना लें। इसे छान कर जूस के 2 चम्मच हर 3 घंटे में लें। इसका प्रयोग लगातार एक हफ्ते तक करें।
कमजोरी होने पर लें ये काढ़ा
बीमारी के बाद अगर शरीर में कमजोरी लग रही है तो अश्वगंधा, पला व शताबरी को मिक्स कर रोगी को काढ़ा बना कर दें। इससे उन्हें बहुत ही जल्द आराम मिलेगा।
मच्छरों को दूर करने के लिए घर में करें धुआं
इन दिनों घर में पनप रहे मच्छरों को दूर करने केलिए गूगुल, राल, लोबान, वच, राई को समान मात्रा में लेकर गुरुच, चिरायता, सरसों व नीम की पत्तियों की दोगुनी मात्रा के साथ मिक्स कर घर में इनका धुआं करें। इससे घर में किसी भी तरह के मच्छर पैदा नही होगें।