मासूम की मौत के बाद भी डॉक्टरों ने किया इलाज का नाटक, 22 दिन ICU में रखकर परिजनों से लूटे लाखों रुपये
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 03:37 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले से एक बेहद चौंकाने और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल आम लोगों को झकझोर दिया है बल्कि प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि बस्ती के एक निजी अस्पताल ने एक मृत नवजात को ICU में 22 दिन तक इलाज के नाम पर रखा और परिजनों से लाखों रुपये वसूल लिए।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका नवजात बच्चा जन्म के बाद से ही गंभीर रूप से बीमार था। बेहतर इलाज की उम्मीद में वे उसे बस्ती स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे। शुरुआत में इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया, लेकिन कुछ दिन बाद अस्पताल ने यह कहकर इलाज निजी खर्चे पर करवाने को कहा और धीरे-धीरे लगभग दो लाख रुपये वसूल लिए।
परिजनों का आरोप है कि बच्चे की हालत लगातार बिगड़ रही थी। उन्होंने कई बार डॉक्टरों से गुज़ारिश की कि बच्चे को किसी बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाए, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। उल्टा उन्हें हर बार सिर्फ और सिर्फ इलाज के नाम पर पैसे देने के लिए मजबूर किया गया।
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बेटे को बचाने के लिए बेचीं ज़मीन और गहने
बच्चे की जान बचाने के लिए परिवार ने अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी। उन्होंने खेत गिरवी रखे, गहने बेचे और जो भी कर सकते थे, वो किया। लेकिन बाद में उन्हें यह जानकर गहरा सदमा लगा कि उनका बच्चा तो काफी पहले ही दम तोड़ चुका था। बावजूद इसके अस्पताल ने 22 दिन तक झूठा इलाज दिखाया और पैसे ऐंठे।
परिजनों में आक्रोश, मेडिकल सिस्टम पर उठे सवाल
इस घटना ने परिवार को तोड़कर रख दिया है। उनका कहना है कि अगर शुरुआत में ही सही इलाज और सलाह मिलती तो शायद बच्चा बच सकता था। लेकिन अस्पताल की लापरवाही, लालच और अनदेखी ने उन्हें बर्बाद कर दिया। यह घटना मेडिकल सिस्टम की संवेदनहीनता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
प्रशासन का क्या कहना है?
इस मामले को लेकर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) राजीव निगम से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "यदि हमें इस मामले की शिकायत प्राप्त होती है तो हम जांच टीम गठित करेंगे और संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"