घर की दक्षिण दिशा में भूलकर भी न रखें ये चीजें, नहीं तो हो जाएंगे कंगाल
punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 01:54 PM (IST)
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ही खास महत्व बताया गया है। खासकर दक्षिण दिशा का बहुत ही महत्व बताया गया है। इसे पितरों की दिशा माना जाता है। इसके अलावा इसे यम की दिशा भी कहते हैं। इसलिए इसके बारे में कुछ खास नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन करना जरुरी है। माना जाता है कि दक्षिण दिशा में यदि नियमों का पालन न किया जाए तो पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा घर में पैसे की भी कमी हो सकती है। तो चलिए जानते हैं इन वास्तु नियमों के बारे में...
जूते चप्पल
इस दिशा में जूते चप्पल रखना अशुभ माना जाता है। क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। यहां पर जूते चप्पल रखने से आपके जीवन में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। साथ ही घर में भी कलह, कलेश रहेगा। आपकी तरक्की में भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
पूजा घर
दक्षिण दिशा में पूजा घर भी अच्छा नहीं माना जाता है। ईशान कोण पूजा घर के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिशा में पूजा घर होने से जीवन में कई सारी परेशानियां आ सकती हैं। देवी-देवताओं को कृपा भी आपके घर से जा सकती है। घर में कंगाली का वास हो सकता है। इसलिए इस दिशा में पूजा घर नहीं होना चाहिए।
किचन
दक्षिण दिशा में किचन होना भी अशुभ माना जाता है। यहां पर किचन होने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा घर की आर्थिक स्थिति भी इससे प्रभावित होती है। घर की बरकत कम होती है गरीबी होने लगती है।
बेडरुम
बेडरुम दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। इस दिशा में बेडरुम होने से पति-पत्नी के रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा कभी भी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके भी नहीं सोना चाहिए।
तुलसी का पौधा
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत ही शुभ माना जाता है। देवी-देवताओं की पूजा के लिए ईशान कोण सबसे अच्छा माना जाता है। तुलसी का पौधा घर की उत्तर-पूर्व, पूर्व या फिर उत्तर में रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा रखने से नुकसान भी हो सकता है।