कंगना ही नहीं, ये महिलाएं भी पद्मश्री लिस्ट में हुई शामिल
punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2020 - 11:26 AM (IST)
भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस से एक शाम पहले पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। जिसमें देश की 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 लोगों को पद्म श्री अवॉर्ड के लिए चुना गया है। इस साल पद्मश्री से सम्मानित होनी वाली सूचि में न केवल अभिनेत्री कंगना बल्कि विभिन्न फील्ड से जुड़ी महिलाएं भी शामिल है। चलिए बताते है आपको उन महिलाओं के बारे में ...
कंगना रनौट
बॉलीवुड की क्वीन कहलाने वाली कंगना रनौट को न केवल एक्टिंग बल्कि समाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है। कंगना ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर एक्टिंग में अपना करियर शुरु किया और एक मुकाम हासिल किया है। पद्मश्री अवॉर्ड के अतिरिक्त कंगना अपनी लाइफ में कई अन्य अवॉर्ड हासिल कर चुकी हैं। पद्मश्री के लिए चयनित होने के बाद कंगना ने अपना एक वीडियो शेयर कर भारत के लोगों का धन्यवाद भी किया।
राहीबाई सोमा
महाराष्ट्र के अहमद नगर के छोटे से गांवी की रहने वाली 56 साल की राहीबाई सोमा आज अपने ज्ञान की मदद से प्राचीन परंपराओं को अपना कर जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। राहीबाई के इस सफर की शुरुआत 20 साल पहले शुरु हुई थी जब उसका पोता जहरीली सब्जी खाने के कारण बीमार पड़ गया था। राहीबाई कभी खुद स्कूल नहीं गई लेकिन उसके पास खेती से जुड़ा इतना ज्ञान है कि वैज्ञानिक भी उसके सामने फेल हो जाते है। इस समय वह अपनी मेहनत से बीजों का बैंक तैयार कर रही है ताकि कम सिंचाई में किसान अच्छी फसल पा सके। अब राही इस तकनीक को आगे कई महिलाओं को सीखा रही है।
मुजिक्कल पंकजाक्षी
केरला की रहने वाली मुजिक्कल पंकजाक्षी ऐसी महिला है जो होठो के माध्यम से दिखाई जाने वाली कतपुतलियों की कला को जानती है। उन्होंने अपना पूरा जीवन होठों की नोक पर पूरी रामायण और महाभारत को संतुलित करने में व्यतीत किया है। मुजिक्कल ने यह कला अपने माता-पिता से सीखी थी जो घरों और मंदिरों में इसका प्रदर्शन करते थे। उन्होंने 12 साल की उम्र में ही इसका प्रशिक्षण लेना शुरु कर दिया था। मुजिक्कल ने तकरीबन 6 साल पहले अपने सामने के दांत खोने पर यह कला दिखानी बंद कर दी थी क्योंकि वह कठपुतलियों को संतुलित नहीं कर पाती थी।
तुलसी गोडा
74 साल की कर्नाटक के होनाली गांव की रहने वाली तुलसी गौड़ा ने केवल पर्यावरण सोशल वर्कर बल्कि जंगल की एन्सायक्लोपीडिया के नाम से जानी जाती है। वह छोटे पौधे या झाड़ी लेकर बड़े पौधे की देखरेख और जरुरत को अच्छी से जानती है। अब तक की अपनी इस उम्र में वह 1 लाख से अधिक पौधे लगा चुकी है। वह खुद कभी स्कूल नहीं गई लेकिन अब दूसरे राज्यों के लोग उनसे इस कला के बारे में शिक्षा लेने के लिए आते है। वह फॉरेस्ट विभाग में अस्थाई नौकरी भी कर चुकी है।
त्रिनिति सावो
त्रिनिति मेघालय के मुल्हि गांव की रहने वाली आदिवासी महिला है। त्रिनिति की मां ने मेघालय की महिलाओं के साथ मिलकर कृषि अंदोलन की शुरुआत की थी। जिसमें उन्होंने वहां की खास लाकडोंग हल्दी की खेती शुरु की थी। इससे महिलाओं की इनकम में काफी बढ़ोतरी हुई। जिसके बाद अब इस मुहिम को त्रिनिति संभाल रही है और आगे बढ़ा रही है। इसमें अब कई महिलाएं जुड़ चुकी है।
एकता कपूर
19 साल की उम्र में टीवी का सफर शुरु करने वाली एकता कपूर टीवी सीरियल की क्वीन कहलाती है। हाल ही में एकता ने 'मोस्ट पावरफुल बिजनेस वूमेन ऑफ द इयर' के अवार्ड से सम्मानित हुई थी। एकता न केवल टीवी की बल्कि बॉलीवुड की भी सक्सेसफुल वुमेन है। एक डायरेक्टर होने के नाते वह हमेशा अपने दर्शकों को अलग ही स्टोरीलाइन के साथ स्टोरी पेश करती है।
इन्हें भी मिलेगा पद्मश्री अवॉर्ड
पद्मश्री सम्मान पाने वाली शख्सियतों में अदनान सामी, करण जौहर, सुरेश वाडकर, उद्योगपति भरत गोयनका, हॉकी खिलाड़ी जीतू राय और गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह (मरणोपरांत) जगदीश लाल आहूजा, मोहम्मद शरीफ, जावेद अहमद टाक, सत्यनारायण मुंदयूर, अब्दुल जब्बार, उषा चौमार, पोपटराव पवार, हरेकाला हजब्बा, अरुणोदय मंडल, राधामोहन और साबरमती, कुशल कोनवार शर्मा, रविकन्नन, एस रामकृष्णन, सुंदरम वर्मा, मुन्ना मास्टर, योगी आर्यन, राहीबाई सोमा पोपेरा, हिम्मत राम भांभू, का नाम शामिल हैं।