क्या आपका दोस्त करता है सुसाइड करने की बात? उसके बेचैन मन को इस तरीके से करें शांत

punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2024 - 12:46 PM (IST)

नारी डेस्क:  आज के समय में हालात ऐसा हो गए हैं कि काम के बढ़ते बोझ या फिर घरेलू विवाद के चलते लोग जीने की इच्छा ही छोड़ बैठते हैं। इन सब चीजों का सामना करने से उन्हें ज्यादा आसान मरना लगता है, यही कारण है कि पिछले कुछ समय से  आत्महत्या करने के मामले बेहद बढ़ रहे हैं। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इतना नाम कमाने के बाद भी उन्होंने खुद को खत्म कर दिया। सुशांत के अपने तो उन्हें नहीं बचा पाए लेकिन हम ऐसा कर सकते हैं।

 

हर साल मनाया जाता है  विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 

हर साल 10 सितंबर  को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day)  मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आत्महत्या की समस्या के प्रति जागरूकता फैलाना, आत्महत्या रोकने के उपायों पर विचार करना, और उन लोगों की मदद करना है जो मानसिक तनाव और आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं। इस दिन मानसिक स्वास्थ्य संगठनों और समुदायों के बीच नेटवर्क बनाए जाते हैं ताकि लोग अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर सकें और सही समय पर सहायता प्राप्त कर सकें।
 

इसका महत्व

आत्महत्या एक गंभीर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। इस दिन के माध्यम से दुनिया भर में लोगों को यह बताया जाता है कि आत्महत्या की रोकथाम संभव है और इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की जरूरत है।  यह दिन लोगों को आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करता है ताकि पीड़ित व्यक्ति अकेला महसूस न करे।



आत्महत्या के मुख्य कारण

-मानसिक तनाव, चिंता और निराशा आत्महत्या के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
-वित्तीय तंगी, बेरोजगारी और कर्ज से परेशान लोग आत्महत्या की सोच विकसित कर सकते हैं।
-रिश्तों में असफलता, अकेलापन, और पारिवारिक समस्याएं भी आत्महत्या की ओर ले जा सकती हैं।
-स्किज़ोफ्रेनिया, बायपोलर डिसऑर्डर और अन्य मानसिक बीमारियों के कारण व्यक्ति आत्महत्या का विचार कर सकता है।
 

किसी को आत्महत्या से कैसे रोकें


सुनें और समझें

यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या के संकेत दिखा रहा है, तो उसकी बातें ध्यान से सुनें। उसकी भावनाओं और परेशानियों को समझने की कोशिश करें। कई बार खुलकर बात करना और सहानुभूति दिखाना काफी मददगार हो सकता है।
   
निर्णय न लें और नसीहत न दें

व्यक्ति को सलाह देने या उसकी समस्याओं को तुच्छ साबित करने से बचें। यह उसे और अधिक निराश कर सकता है। इसके बजाय उसे भावनात्मक सहयोग दें और उसके साथ रहें।व्यक्ति के आसपास एक सकारात्मक माहौल बनाएं। उसके साथ समय बिताएं, उसे कुछ नया करने के लिए प्रेरित करें और रोजमर्रा की चीजों में खुशी पाने में मदद करें।
   

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सहायता लें

यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या की बात कर रहा हो, अचानक से सामाजिक गतिविधियों से दूर हो रहा हो, या निराशाजनक व्यवहार दिखा रहा हो, तो ये गंभीर संकेत हैं। इस स्थिति में तत्काल कदम उठाएं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जैसे कि मनोवैज्ञानिक या काउंसलर, की सहायता लेना बहुत जरूरी है। ऐसे लोगों को प्रोफेशनल मदद की जरूरत होती है।
   


सहायता और समर्थन का प्रावधान करें

आत्महत्या के विचारों से ग्रस्त व्यक्ति को यह महसूस कराएं कि उसके साथ कोई है जो उसकी चिंता करता है। उसे जीवन के सकारात्मक पहलुओं की याद दिलाएं।

आत्महत्या के सामान्य संकेत

- बार-बार मौत या आत्महत्या की बात करना।
- अत्यधिक उदासी, अकेलापन और निराशा का अनुभव करना।
- दिनचर्या में अचानक बदलाव जैसे कि सोने या खाने में दिक्कत।
- दोस्तों और परिवार से दूरी बनाना।
- व्यक्तिगत चीजों को वितरित करना या अलविदा कहना।


मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर आत्महत्या के मामलों को रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने, मानसिक बीमारियों को पहचानने, और सही समय पर मदद प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस  का उद्देश्य इसी दिशा में लोगों को जागरूक करना और आत्महत्या को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना है।
 


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vasudha

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