Health: कैंसर-थॉयराइड जैसी बीमारियों से बचना हैं तो जरूर करें ये 5 योगासन
punjabkesari.in Tuesday, Apr 19, 2022 - 01:53 PM (IST)
व्यस्त जिंदगी के कारण कई लोग स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। जिसकी वजह से उन्हें बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप दिन की शुरुआत योगासन के साथ कर सकते हैं। योगासन करने से आपके मन को बहुत ही शांति मिलती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार भी होता है। सारा दिन आपका शरीर एकदम तरोताजा महसूस करेगा। तो चलिए बताते हैं आपको ऐसे योगासन के बारे में जिनसे आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार
अच्छी सेहत और स्वस्थ शरीर के लिए सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा योगासन है। नियमित तौर से इस आसन को करने से आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है। इस आसन को करने से आपका पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है। शरीर में रक्त संचार भी अच्छे से होता है।
कैसे करें सूर्य नमस्कार
. सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को आपस में मिला लें। कमर को सीधा रखें और हाथों को अपने सीने के पास लाकर नमस्कार करें।
. इसके बाद हाथों को सिर के ऊपर से पीछे की तरफ ले जाते हुए कमर को झूका लें।
. अपने एक पैर को पीछे की तरफ ले जाएं। पैर का घुटना जमीन से छूकर दूसरे पैर को मोड़ें।
. दोनों हाथों और पैरों को सीधा रखते हुए पुश-अप करें । हथेलियां, छाती, घुटने और पैरों को जमीन से मिलाएं
. खड़े होकर हाथों को ऊपर की ओर उठा लें और सीधा रखें। फिर इसके बाद कमर को पीछे की ओर झुकाते हुए हाथों से नमस्कार करें और पीछे की मुद्रा में ले जाएं।
लाभ
सुबह उठकर खुले में उगते हुए सुर्य की ओर मुंह करके करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इस आसन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन डी भी मिलता है। मानसिक तनाव और वजन कम होता है।
भुजंगासन
इसे सर्प आसन और कोबरा आसन भी कहा जाता है। इसे खाली पेट ही करना चाहिए। सुबह-सुबह इस आसन को करने से आपके शरीर को अत्यधिक लाभ मिलेगा।
कैसे करें
. सबसे पहले जमीन पर पेट के बल अाराम से लेट जाएं।
. फिर अपनी दोनों हथेलियों को कंधे के बराबर पीछे लेकर जाएं।
. धीरे-धीरे सांस लें और शरीर के ऊपरी भाग या छाती को जमीन से ऊपर की ओर उठाएं।
. ऐसे ही सांस छोड़ते हुए शरीर को दोबारा से जमीन पर ले जाएं।
लाभ
इस आसन को करने से आपके शरीर में लचीलापन बना रहेगा। शरीर की एक्सट्रा चर्बी कम करने में भी मदद मिलेगी।
ताड़ासन
ताड़ासन करने से आपके शरीर की लंबाई बढ़ती है। बाजुओं और शरीर को स्ट्रैच करने में भी ये आसन बहुत ही फायदेमंद है। ताड़ासन दो संस्कृत के शब्दों से मिलकर बना हुआ है। ताड़ का अर्थ है- 'पर्वत' और आसन का अर्थ है- 'मुद्रा'। इसी तरह ताड़ासन का अर्थ है - पर्वत की मुद्रा में खड़े होकर आसन करना।
कैसे करें
. सबसे पहले अपने दोनों पैरों की एड़ियों और पंजों में दूरी बनाए बिना सीधे खड़े हो जाएं।
. दोनों हाथों को कमर से सीधे ऊपर उठाकर हथेली और उंगलियों को आपस में मिला लें।
. गर्दन को एकदम सीधा रखें। फिर एकदम सामने की ओर देखते हुए पैरों की एड़ियों को ऊपर उठाए और सारा भार पंजों पर रखें।
. धीरे-धीरे पंजों को उठाकर हाथों को ऊपर ले जाकर आपस में मिला लें।
लाभ
ये आसन आपकी लंबाई बढ़ाने में बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। इसको नियमित तौर पर करने से रीड़ की हड्डी मजबूत होती है।
त्रिकोणासन
इस आसन को करने से आपको तनाव और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। त्रिकोण का अर्थ है- तीन कोणों वाला आसान। इस आसन को करते समय आपकी मांसपेशियां तीन कोणों में स्ट्रेच होती है।
कैसे करें
. सबसे पहले पैरों की बीच में 2-3 फीट की दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं।
. हाथों को जमीन के पास लेकर आ जाएं। हथेली को नीचे को तरफ लाते हुए धीरे-धीरे सांस लेंष
. सांस को छोड़ते हुए शरीर को बाईं ओर मोड़ लें । फिर हाथ की उंगली की मदद से जमीन को और बाएं घुटने का छुने का प्रयास करें।
. इस बात का ध्यान रखें की दाहिना हाथ आपका बिल्कुल सीधा हो।
. ऐसे ही प्रक्रिया को दूसरी तरफ से करें।
लाभ
इस आसन को नियमित करने से चिंता दूर होती है। गर्दन, कमर और पीठ की हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
बालासन
ये बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण आसन है। बालासन का अर्थ है- बच्चे की तरह बैठकर करने वाला आसन। यह आसन कमर, गर्दन और कंधों को मजबूत करने में मदद करता है।
कैसे करें
. घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों के भार पर बैठ जाएं।
. इसके बाद दोनों घुटनों के अपने आराम के अनुसार, मिलाकर थोड़ी सी दूरी पर रख दें।
. धीरे-धीरे सांस लें।
. अपने दोनों हाथों को आगे की ओर रखें।
. इसके बाद जांघ से सीने को स्पर्श करें।
. कंधों को फर्श से मिलाने की कोशिश करें।
. सिर को झुकाकर अपने हाथों से फर्श को छुते हुए बालासन करें।
लाभ
पेट पर भार पड़ने से पाचन तंत्र बेहतर होता है। स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्या दूर होती है।