TB होने के शुरुआती लक्षण, समय पर होगा इलाज तो जल्दी मिलेगा आराम

punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 03:26 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत में टीबी (Tuberculosis) एक गंभीर और आम बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करती जाती है। कई बार इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग इसे साधारण खांसी या थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर टीबी की पहचान शुरुआती दौर में हो जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है। आइए जानते हैं  टीबी की शुरुआत कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं, कारण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।

 टीबी क्या है?

टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) एक संक्रामक बीमारी है जो Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया से होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों (lungs) को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हड्डियों, किडनी, मस्तिष्क, और रीढ़ की हड्डी तक भी फैल सकती है। यह बीमारी तब फैलती है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है और उसके बैक्टीरिया युक्त छोटे-छोटे कण हवा में फैल जाते हैं, जिन्हें दूसरा व्यक्ति सांस के साथ अंदर ले लेता है।

 टीबी की शुरुआत कैसे होती है?

टीबी की शुरुआत बहुत धीरे-धीरे होती है। शुरुआती दिनों में व्यक्ति को हल्की खांसी, कमजोरी और थकान महसूस होती है। धीरे-धीरे यह खांसी लंबे समय तक रहने लगती है, खासकर अगर वह तीन हफ्तों से ज़्यादा बनी रहे, तो यह टीबी का शुरुआती संकेत हो सकता है।इसके साथ ही व्यक्ति का वजन तेजी से घटने, भूख कम होने, और शाम के समय बुखार आने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। शुरुआत में लक्षण हल्के होने के कारण मरीज अक्सर इन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम समझ लेते हैं, और यही गलती बीमारी को बढ़ा देती है।

 टीबी के शुरुआती लक्षण

टीबी के लक्षण धीरे-धीरे स्पष्ट होते हैं। यदि आपको नीचे दिए गए लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें

लगातार तीन हफ्तों से अधिक खांसी रहना: खासकर अगर खांसी के साथ बलगम या खून आने लगे।

शाम के समय हल्का बुखार या पसीना आना: रात में पसीना ज्यादा आता है और कपड़े तक भीग सकते हैं।

वजन और भूख में अचानक कमी: शरीर का वजन बिना किसी कारण तेजी से घटने लगता है।

छाती में दर्द और सांस लेने में दिक्कत: फेफड़ों में सूजन होने के कारण सांस फूलना और छाती में दर्द होता है।

हमेशा थकान और कमजोरी महसूस होना: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है, जिससे रोजमर्रा के काम कठिन लगते हैं।

 टीबी के प्रमुख कारण: टीबी के फैलने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहना : लंबे समय तक टीबी मरीज के पास रहने से संक्रमण फैल सकता है।

कमज़ोर इम्यून सिस्टम : जिन लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें टीबी होने का खतरा ज़्यादा रहता है।

कुपोषण और अस्वच्छ जीवनशैली :  गंदे माहौल, भीड़भाड़ और पौष्टिक भोजन की कमी से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान और शराब का सेवन : फेफड़ों को कमजोर बनाकर टीबी के लिए रास्ता खोल देता है।

HIV/AIDS से पीड़ित व्यक्ति :  इन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है, जिससे टीबी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 टीबी का इलाज कैसे किया जाता है?

टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है, अगर इसे समय रहते शुरू किया जाए। इसके लिए सरकार द्वारा “DOTS (Directly Observed Treatment Short-course)” नामक कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसमें मरीज को मुफ्त दवाइयां दी जाती हैं।

लंबा लेकिन निश्चित इलाज  टीबी का इलाज आमतौर पर 6 महीने या उससे अधिक समय तक चलता है। एंटी-ट्यूबरकुलर दवाइयां (Anti-TB Drugs) जैसे Isoniazid, Rifampicin, Pyrazinamide, Ethambutol आदि। नियमित दवा सेवन बेहद जरूरी  इलाज बीच में छोड़ना संक्रमण को और घातक बना सकता है। स्वस्थ आहार और आराम  प्रोटीन, आयरन, विटामिन्स और पर्याप्त नींद शरीर को जल्दी रिकवर करने में मदद करते हैं।

टीबी मरीजों के लिए कुछ जरूरी सावधानियां

दवा समय पर और पूरा कोर्स खत्म होने तक लें। खांसी या छींक के समय मुंह ढकें ताकि दूसरों को संक्रमण न हो। पौष्टिक खाना खाएं, धूम्रपान और शराब से बचें। अपने आसपास की सफाई और ताजी हवा का ध्यान रखें। टीबी की जांच के लिए समय-समय पर Chest X-ray या Sputum Test करवाएं। टीबी एक इलाज योग्य बीमारी है, लेकिन सबसे जरूरी है कि इसकी पहचान समय पर हो। अगर आपको लगातार खांसी, वजन घटना या रात में पसीना आने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। सही इलाज, पोषण और अनुशासन से टीबी को पूरी तरह हराया जा सकता है।

 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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