बसंत पंचमी के लिए खास मशहूर हैं भारत के ये 5 राज्य

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 11:01 AM (IST)

कल यानि 16 फरवरी को बंसत पंचमी का त्योहार है। भारत देश में यह पूरे जोरों-शोरों में मनाया जाता है। वैसे तो इस त्योहार का आनंद विदेशों में भी बहुत खुशी से सेलिब्रेट किया जाता है। भारत में इस दिन लोग मंदिरों और गुरुद्वारों में माथा टेक कर अपने दिन की शुरुआत करते है। वे इन दिन पीले रंग के कपड़े पहनते है। हिन्दू लोग देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करते है। उन्हें पीले रंग की ही मिठाई जैसे कि- मीठे चावल, लड्डू, बूंदी आदि का भोग लगाते है। बच्चे इस दिन रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ा कर इस दिन का आनंद मनाते है। वैसे तो यह त्योहार हर जगह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है पर आज हम आपको भारत के कुछ राज्यों में मनाई जाने वाली बसंत पचंमी के बारे में बताते है।

उत्तरकाशी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बसंत पंचमी का त्योहार बहुत खुशी और जश्न कर मनाया जाता है। यहां के लोग देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना में पलाश की लकड़ियों, पत्तों और फूलों आदि का इस्तेमाल करते हैं। लोग पीले ही रंग के कपड़े पहनकर रात भर कीर्तन कर अगले इस दिन माता की मूर्ति को पवित्र नदियों में विसर्जित करते है। इस दिन लोग पतंगबाजी का भी आयोजन कर आसाम को रंग-बिरंगी पतंगों से भर इस उत्सव का खूब मजा उठाते है।

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पंजाब और हरियाणा

पंजाब और हरियाणा में यह त्योहार खासतौर पतंग उड़ाकर मनाया जाता है। इन दिन घर-परिवार के सभी लोग सुबह जल्दी उठकर मंदिर या गुरुद्वारा में माथा टेकने जाते है। उसके बाद वे अपनी-अपनी छत पर चढ़ रंग-बिरंगी पतंगे उड़ा कर इस उत्सव का आनंद मनाते है। महिलाएं लोक गीत गा कर और डांस कर एन्जॉय करती है वहीं बच्चे पतंग उड़ा कर। पंजाब में इस दिन पर मीठे चावल, किचड़ी, मक्के की रोटी, सरसों का साग जरूर बनाया और खाया जाता है। 

राजस्थान और उत्तर प्रदेश

इन दोनों राज्यों में इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती माता की पूजा की जाती है। इस त्योहार पर मुख्य रूप से स्कूलों में बच्चों के लिए पतंग बनाने या उड़ाने के कॉम्पिटिशन का आयोजन किया जाता है। साथ ही ये लोग रंग-बिरंगे खासतौर पर पीले कपड़े पहन कर अपनी खुशी को मनाते है। उत्तरप्रदेश में भगवान कृष्ण को केसरिया चावल बना कर भोग लगाया जाता है। 

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बिहार

बिहार के लोग सुबह जल्दी उठ तैयार हो पीले रंग के कपड़े पहनते है। ये अपने माथे को हल्दी से रंगते है। यहां के लोग देवी सरस्वती की पूजा कर इस त्योहार की शुरूआत करते है। देवी सरस्वती को माल पुआ, खीर और बूंदी का प्रसाद अर्पित करते हैं| बाद में ढोल और नगाड़ों को बजा कर बसंत पचंमी को मनाने का आनंद उठाते है। 

बंगाल

अपनी कला-कृतियों के साथ बंगाल में बसंत पंचमी का त्योहार पूरे जोशों में मनाई जाती है। यहां दूर्गा पूजा की तरह बड़े पंडाल में सरस्वती माता की मूर्ति पूजा की जाती है। पूजा के बाद देवी सरस्वती को बूंदी के बने लड्डू और मीठे पीले चावलों का भोग लगाया जाता है। साथ ही लोग लोक गीत गाकर और डांस समारोह का आयोजन कर इन दिन को मनाते है। 

 

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Content Writer

Sunita Rajput

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