बिहार दिवस पर जानें यहां के 5 प्रसिद्ध स्थानों के बारे में, जहां जिंदगी में एक बार जरूर जाएं
punjabkesari.in Saturday, Mar 22, 2025 - 04:53 PM (IST)

नारी डेस्क: बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन 1912 में बिहार को बंगाल से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया गया था। इस खास मौके पर आप बिहार के कुछ प्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा कर सकते हैं, जो अपनी संस्कृति, विरासत और खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।आज हम आपको 5 प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिहार की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत से परिचित कराती है।
बोधगया: भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली
बोधगया बिहार का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यहीं पर भगवान गौतम बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया था और सर्वोच्च ज्ञान (निर्वाण) प्राप्त किया था। यहां का महाबोधि मंदिर यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसके अलावा बोधि वृक्ष वह जगह है जिसके नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यहां बुद्ध की 80 फीट ऊंची विशाल प्रतिमापर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

राजगीर: भगवान बुद्ध और महावीर की भूमि
राजगीर बिहार का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जो भगवान बुद्ध और भगवान महावीरकी तपोभूमि रहा है। यह स्थान घने जंगलों, पहाड़ियों और गर्म पानी के कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर गर्म पानी के कुंड हैं, जो कई बीमारियों को ठीक करते हैं। इसके अलावाविश्व शांति स्तूप, ग्रिधकूट पर्वत और वैभवगिरि पर्वत देखने भी दूर-दूर से लोग आते हैं।

नालंदा विश्वविद्यालय: विश्व का प्राचीन शिक्षा केंद्र
नालंदा विश्वविद्यालय भारत का गौरवशाली और ऐतिहासिक शिक्षा केंद्र है, जिसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में हुई थी। यह विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध था और यहां दुनियाभर से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। इसके अलावा नालंदा म्यूजियम में प्राचीन वस्तुएं, मूर्तियां और बौद्ध धर्म से जुड़ी ऐतिहासिक चीजें प्रदर्शित हैं।

वैश्याली: भगवान महावीर का जन्मस्थल
वैश्याली जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली है। यह स्थान ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां भगवान बुद्ध ने भी अपने कई प्रवचन दिए थे। यहां यहां सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया स्तंभ, बौद्ध धर्म के प्रचार का प्रतीक है। इसके अलावा कुतुब मीनार के समान लिच्छवी स्तूप भी वैश्याली की प्राचीनता को दर्शाता है।

पटना साहिब :गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान
पटना साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है। यह सिख धर्म के पांच पवित्र तख्तों में से एक है। गुरुद्वारे के अंदर स्थित संग्रहालय में गुरुजी से जुड़ी वस्तुएं रखी गई हैं। गुरुद्वारे के पास गंगा नदी का मनोरम दृश्य देखने लायक है।