दवाइयों पर निर्भर रहने वाले पेरेंट्स ध्यान दें, बच्चों को हर खांसी में सिरप देने की जरूरत नहीं
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 02:04 PM (IST)

नारी डेस्क: हाल ही में कफ सिरप (Cough Syrup) से बच्चों की मौतों की खबरों ने लोगों को डरा दिया है। जांच में पता चला कि कुछ सिरप में ऐसे जहरीले रसायन (toxic chemicals) पाए गए जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके बाद अब हर माता-पिता के मन में यही सवाल है कौन सी खांसी की दवा सुरक्षित है और बच्चों के लिए कौन सी नहीं? आइए समझते हैं विशेषज्ञों की राय
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जानिए क्या है समस्या
कुछ कंपनियों के कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol)और एथिलीन ग्लाइकॉल (Ethylene Glycol) जैसे रसायन पाए गए हैं। ये वही रसायन हैं जो एंटीफ्रीज़ या पेंट उद्योग में इस्तेमाल होते हैं। बच्चों के शरीर में ये पहुंचने पर किडनी फेलियर,सांस लेने में दिक्कत और मौत तक का कारण बन सकते हैं।
बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह दवा न दें
छोटे बच्चों (खासकर 6 साल से कम उम्र) को कोई भी सिरप खुद से न दें। डॉक्टर ही तय करें कि बच्चे को सुखी खांसी (Dry cough) है याबलगम वाली खांसी (Wet cough दोनों के इलाज अलग होते हैं। डॉक्टर उम्र और वजन देखकर सही डोज बताते हैं।
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लेबल ध्यान से पढ़ें
कफ सिरप खरीदते समय बोतल पर ये चीज़ें जरूर जांचें, जैसे निर्माता कंपनी का नाम और बैच नंबर, एक्सपायरी डेट,‘Made in India’ या ‘WHO GMP Certified’ जैसी मानक जानकारी। अगर लेबल या बोतल पर कुछ धुंधला या अधूरा लगे, तो वह दवा न लें।
सुरक्षित विकल्प चुनें
डॉक्टर अक्सर बच्चों के लिए ये विकल्प सुझाते हैं:
स्टीम इनहेलेशन (भाप लेना): सांस की नली साफ होती है।
हनी और तुलसी: एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए, प्राकृतिक राहत देता है।
गुनगुना पानी और आराम: शरीर को रिकवरी में मदद करता है।
पैरेसिटामोल सिरप: सिर्फ बुखार या दर्द के लिए, डॉक्टर की सलाह पर।
याद रखें हर खांसी को सिरप की जरूरत नहीं होती, कभी-कभी सिर्फ सही केयर ही सबसे बेहतर दवा होती है।
इन संकेतों पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
अगर बच्चे को लगातार तेज़ खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, बार-बार उल्टी या पेशाब कम आ रहा है, बच्चा सुस्ती या चिड़चिड़ापन महसूस कर रहा है तो तुरंत अस्पताल ले जाएं , यह सिरप से टॉक्सिक रिएक्शन का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञ का कहना है कि “बच्चों के लिए हमेशा WHO या CDSCO (भारत की दवा नियामक संस्था) द्वारा प्रमाणित दवाओं का ही इस्तेमाल करें। विदेशी या अनजान ब्रांड के सिरप से बचें।”