दुनिया में पहली बार 15 साल की लड़की का हुआ हाथ ट्रांसप्लांट, अब फिर से ट्रैक पर लौटेगी जिंदगी!

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2024 - 06:09 PM (IST)

नारी डेस्क:  एक उल्लेखनीय चिकित्सा उपलब्धि में, मुंबई की एक छात्रा कंधे के स्तर से हाथ ट्रांसप्लांट कराने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई है, जिसके लिए सूरत से विशेष उड़ान में हाथ आया। 12 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद डॉक्टर इतिहास रचने में कामयाब हुए। लड़की अपने इस नए अंग को लेकर बेहद खुश है। 

 

12  घंटे चली सर्जरी

सूरत की एक 9 वर्षीय ‘ब्रेन डेड’ लड़की के दान किए गए हाथ का सफल प्रत्यारोपण ऑपरेशन गोरेगांव की 15 वर्षीय अनमता अकील अहमद पर विशेषज्ञ डॉ. नीलेश जी. सतभाई के नेतृत्व में सर्जनों की एक टीम द्वारा किया गया। डॉ. सतभाई ने बताया कि-  “यह घटनाओं का एक ऐतिहासिक सिलसिला है…अनमता 12 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद कंधे के स्तर से इस तरह का हाथ प्रत्यारोपित कराने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की छात्रा है।” 

 

 13 साल की अनमता का काटना पड़ा था हाथ

 13 साल की अनमता  की जिंदगी में तब तूफान आया जब  वह अपने चचेरे भाइयों के साथ उनके घर की छत पर खेल रही थी। गलती से उसने 11-केवी बिजली के तार को छू लिया, जिससे उसे जोरदार झटका लगा और वह गंभीर रूप से जल गई। इस हादसे में उसका दाहिने हाथ काटन पड़ा, जबकि उसका बायां हाथ भी गंभीर रूप से घायल हो गया और वह ठीक से काम नहीं कर रहा था। हालांकि अनमता और उसके परिवार ने उम्मीद नहीं खोई और वह अपनी टूटी हुई जिंदगी को फिर से शुरू करने की कोशिश में लग गई। 


अनमता ने नहीं हारी हिम्मत 

अनमता के पिता अकील अहमद, जो एक फिल्म निर्माता हैं उन्होंने बताया कि- उनकी बेटी ने “उसने अपने बाएं हाथ से लिखना भी सीखा और एसएससी परीक्षाओं में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जिसमें पिछले साल स्कूल में हिंदी में 98 अंकों का चौंका देने वाला स्कोर भी शामिल है… वह कभी निराश नहीं हुई, कम उम्र में अपनी विकलांगता के बावजूद हमेशा एक आशावादी और खुशमिजाज दृष्टिकोण बनाए रखा,” ।  इस बीच, उसके चिंतित परिवार ने उसे कठिन परिस्थिति से बाहर निकालने में मदद करने के लिए समाधान/विकल्पों की तलाश की और जल्द ही महसूस किया कि हाथ का प्रत्यारोपण ही अनमता ही सही रहेगा। 


9 साल की ‘ब्रेन डेड’ लड़की का मिला हाथ

लड़की के परिवार ने  पूरे भारत के साथ-साथ थाईलैंड और सिंगापुर में कई अस्पतालों में खोजबीन की, लेकिन ज्यादातर ने मना कर दिया , अंत में वे मुंबई के ग्लेनेगल्स अस्पताल में डॉ. सतभाई से मिले, जो इस तरह की सर्जरी में माहिर हैं। अनमता के पिता ने बताया-  “मेरी बेटी ने एक विस्तृत प्री-ऑपरेटिव चेकअप कराया और हाथ प्रत्यारोपण के लिए सूचीबद्ध किया गया। "एक साल से अधिक समय के बाद, हमें एक उपयुक्त हाथ दाता के बारे में सूचना मिली, सूरत (गुजरात) की एक छोटी लड़की को ब्रेन ट्यूमर से जूझने के बाद 'ब्रेन डेड' घोषित किया गया था।" डॉ. सतभाई ने कहा कि एक स्थानीय एनजीओ द्वारा परामर्श के बाद, मृतक लड़की के परिवार ने उसके हाथ को दान करने के लिए तुरंत सहमति दे दी और सूरत से मुंबई तक चार्टर्ड फ्लाइट द्वारा उसे सुरक्षित रूप से लाने की तत्काल व्यवस्था की गई। 

निगरानी के लिए आईसीयू में है लड़की

डॉक्टर का कहना है कि-  हाथ प्रत्यारोपण एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है, प्राप्तकर्ता का उचित मूल्यांकन करना पड़ता है। सर्जरी लगभग 12 घंटे तक चली, जिसमें सर्जन, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट और गहन देखभाल चिकित्सकों की एक टीम ने इसके सफल और दीर्घकालिक परिणाम के लिए काम किया। 
उन्होंने बताया कि- रोगी अच्छी तरह से ठीक हो गया है और निगरानी के लिए आईसीयू में है और उसे दो सप्ताह में छुट्टी दे दी जाएगी। वह जीवन भर इम्यूनोसप्रेशन पर रहेगी और जल्द ही फिजियोथेरेपी और पुनर्वास सत्र शुरू करेगी। लड़की के पिता ने कहा  “ हमारी बेटी की त्रासदी पूरे परिवार के लिए एक दर्दनाक अनुभव था, और पिछले दो वर्षों से अनमता कठिन समय से गुज़र रही थी, अब वह खुश है और अब स्कूल लौटने और एक पूर्ण जीवन जीने के लिए उत्सुक है,” ।
 


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Content Writer

vasudha

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