बिलकुल भी ना छोड़ें चीनी, दिन में इतने चम्मच मीठा खाना भी जरूरी!

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 07:45 PM (IST)

नारी डेस्कः चीनी सेहत के लिए हानिकारक है। शुगर को जितना कम खाया जाए उतना बेहतर है लेकिन क्या सच में चीनी बिलकुल ही छोड़ देनी चाहिए तो जवाब है नहीं। सीमित मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो ठीक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, शुगर (चीनी) के सेवन को सीमित करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। WHO ने फ्री शुगर (Free Sugars) की सीमा के बारे में खास सिफारिशें दी हैं।

WHO के मुताबिक चीनी की कितनी मात्रा सही है?

कुल दैनिक कैलोरी का 10% से कम चीनी से आना चाहिएऔर बेहतर स्वास्थ्य के लिए 5% से भी कम होनी चाहिए। उदाहर में समझें...अगर आपका दैनिक कैलोरी सेवन 2000 कैलोरी है,
तो 10% = 50 ग्राम चीनी (लगभग 12 छोटी चम्मच)
और 5% = 25 ग्राम चीनी (लगभग 6 छोटी चम्मच)

इससे जो मात्रा निकलती है: लगभग 25 ग्राम 6 चम्मच) महिलाओं के लिए, पुरुषों के लिए थोड़ा ज़्यादा। WHO की सिफारिशें (Guidelines): फ्री शुगर (Free Sugars) में मिठाई, चॉकलेट, केक, कुकीज़, कैंडी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक, फ्रूट जूस आदि। जो चीनी खाने में मिलाई जाती है या प्रोसेस्ड फूड में पाई जाती है।

क्या चीनी बिलकुल छोड़ देनी चाहिए?

नहीं, ज़रूरी नहीं है कि चीनी को पूरी तरह से छोड़ा जाए लेकिन इसका सेवन सीमित रखना बहुत ज़रूरी है।

क्यों न छोड़ें बिलकुल?

हमारा शरीर कुछ हद तक ग्लूकोज़ से ऊर्जा लेता है लेकिन वो हम फल, सब्ज़ी, अनाज आदि से भी पा सकते हैं। पूरी तरह से मिठास छोड़ने से बहुत लोगों को मानसिक या सामाजिक असहजता हो सकती है।लेकिन चीनी सीमित रखने के बहुत से फायदे हैं जैसे इससे मोटापा नहीं बढ़ेगा। टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा कम रहेगा, दांत खराब नहीं होंगे, दिल की बीमारियों की संभावना कम होगी।

American Heart Association (AHA) की सिफारिशें

AHA कहता है कि added sugars को दैनिक कैलोरी का 6% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। 
महिला →100 कैलोरी (6 छोटी चम्मच) / पुरुष → 150 कैलोरी (9 छोटी चम्मच)। 

ICMR (भारत) की सिफारिशें

ICMR कहता है कि added sugar को दिन में 25 ग्राम या उससे कम रखना चाहिए। यह सीमा लगभग WHO के 5% की सीमा के अनुरूप है, विशेष रूप से यदि कैलोरी सेवन औसतन 2000 कैलोरी/दिन है।ICMR यह भी कहता है कि added sugar “nutritive value नहीं देता, सिर्फ़ कैलोरी बढ़ाता है” इसलिए इसे पूरी तरह से हटाना भी संभव हो सकता है। 

ज़्यादा चीनी से जोखिम

मोटापा और अधिक वजन — कैलोरी अधिक हो जाती है, बिना पौष्टिकता के।
टाइप 2 मधुमेह — ज़्यादा शुगर से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है।
दिल की बीमारियाँ — ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल असंतुलन आदि की संभावना।
दाँतों की समस्या — कैविटी, इनेमल क्षय आदि।
पोषण की कमी — जब चीनी ज़्यादा हो, अच्छी चीजें कम खायी जाती हैं — विटामिन, खनिज, फाइबर आदि।

क्या चीनी पूरी तरह छोड़ देना चाहिए?

पूरी तरह छोड़ना संभव है लेकिन ज़रूरी नहीं है, और वह हर किसी के लिए व्यावहारिक भी नहीं। कई बार एकदम से मीठा छोड़ देने से एनर्जी लो, कमजोरी-थकान महसूस होती है। इससे ब्लड शुगर लेवल बिलकुल कम हो सकता है जो  सेहत के लिए बढ़िया नहीं माना जाता। 
कुछ चीनी प्राकृतिक स्रोतों (जैसे फल, दूध) से मिलती है, ये अक्सर फाइबर, विटामिन आदि भी देते हैं।
एक संतुलित तरीका: आर्टिफिशल चीनी कम खाएं, बाजारी मीठी ड्रिंक्स और मिठाइयाँ या प्रोसेस्ड शुगर फूड्स से बचना।

मीठा खाने का बेस्ट तरीका 

मीठा खाना हो तो फल या फल‑हरीसामग्री वाले विकल्प चुनें।
स्वाद की तलब हो तो थोड़ी मात्रा में और प्रोटीन या फाइबर के साथ-साथ खाएँ ताकि रक्त शर्करा अचानक न बढ़े।
मीठे पेय कम हों, पानी, अनसविटेड चाय या कॉफी।
 


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Content Writer

Vandana

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