इस दिन होगा 'राम मंदिर' का ध्वजारोहण, जानिए क्यों है ध्वज और उसके चिन्ह इतने खास
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 06:02 PM (IST)
नारी डेस्क : विवाह पंचमी, 25 नवंबर को, राम मंदिर में ऐतिहासिक ध्वजारोहण का समारोह आयोजित होगा। यह दिन केवल भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि रघुकुल और सूर्यवंश की महान परंपराओं का भी प्रतीक है। जानिए क्यों है ध्वज और उसके चिन्ह इतने खास।
ध्वजारोहण का पौराणिक महत्व
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि किसी मंदिर पर फहराया गया ध्वज देवता की उपस्थिति का प्रतीक होता है। जिस दिशा में यह लहराता है, वह क्षेत्र पवित्र बन जाता है। शास्त्रों में भी मंदिर के शिखर पर ध्वज को देवता के वैभव, सामर्थ्य और संरक्षण का संकेत माना गया है। राम मंदिर में फहराए जाने वाला ध्वज अयोध्या के सूर्यवंश और रघुकुल की परंपराओं का साक्षी बनेगा। वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस में ध्वज, पताका और स्वागत द्वार का वैभवपूर्ण वर्णन मिलता है। त्रेतायुग में यह उत्सव भगवान राम के जन्म की खुशी में मनाया जाता था और अब कलियुग में मंदिर के निर्माण के पूरा होने के जश्न में यह समारोह आयोजित किया जा रहा है।
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ध्वज का रंग और महत्व
राम मंदिर पर फहराया जाने वाला ध्वज केसरिया रंग का होगा। सनातन संस्कृति में केसरिया रंग केवल रंग नहीं, बल्कि त्याग, बलिदान, वीरता और गहरी भक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह रंग साधु-संतों और रामभक्तों की तपस्या, त्याग और धर्म के लिए संघर्ष की याद दिलाता है।
ध्वज पर दो महत्वपूर्ण चिन्ह होंगे: कोविदार वृक्ष और 'ऊं' का प्रतीक।
कोविदार वृक्ष: प्राचीन ग्रंथों में इसे पारिजात और मंदार वृक्षों के दिव्य संयोग से बना माना गया है। सूर्यवंश के राजाओं के ध्वज पर भी यह चिन्ह अंकित होता आया है। वाल्मीकि रामायण में भरत के ध्वज पर भी यही प्रतीक वर्णित है।
‘ऊं’ का प्रतीक: यह केवल अक्षर नहीं, बल्कि सम्पूर्ण सृष्टि और सभी मंत्रों की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
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इतिहास में दर्ज होगा यह दिन
ज्योतिषियों का मानना है कि विवाह पंचमी के दिन अयोध्या में राम-सीता विवाह महोत्सव, धर्म ध्वजा का रोहण और नगर की सजावट मिलकर त्रेतायुग जैसा दिव्य वातावरण बनाएंगे। दुनिया भर से श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए उत्साहित हैं। जैसे ही धर्म ध्वजा मंदिर के शिखर पर फहरेगा, यह सदियों की प्रतीक्षा का अंत और रामराज्य की पुनर्स्थापना का प्रतीक बनकर इतिहास में दर्ज होगा।

