द्रौपदी मुर्मू की दर्द भरी कहानी, पहले 2 जवान बेटों को खोया फिर पति ने भी छोड़ा साथ
punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2022 - 05:08 PM (IST)
ओडिशा की रहने वाली 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के आदिवासी फैमिली से ताल्लुक रखती है। द्रौपदी की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत दर्द झेले। साल 1980 में उनकी शादी श्यामाचरण मुर्मू से हुई थी। द्रौपदी और श्याम के चार बच्चे हुए जिनमें से आज सिर्फ 1 ही बच्चा इस दुनिया में है। चलिए इस पैकेज में हम आपको बताते है कि द्रौपदी की दर्द भरी कहानी...
द्रौपदी मुर्मू ने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया है और पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात श्यामाचरण मुर्मू से हुई थी। दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। पहली मुलाकात के बाद में दोनों में बातें शुरू हुई और बाद में इनकी लवस्टोरी शुरू हुई। श्याम अपने रिश्ते को आगे ले जाना चाहते थे और वो हर हाल में द्रौपदी से शादी करना चाहते थे। साल 1980 में वो शादी का प्रपोजल लेकर द्रौपदी के घर गए। द्रौपदी के पिता बिरंची नारायण ने श्याम के साथ अपनी बेटी की शादी करने से मना कर दिया लेकिन श्याम अपनी जिद पर अड़े रहे। वो अपने रिश्तेदारों के साथ द्रौपदी के गांव में ही डेरा डालकर बैठ गए।
अपने लिए इतना प्यार देखकर द्रौपदी ने भी फैसला कर लिया कि वो अब श्याम से ही शादी करेंगी। कई दिनों तक अड़े रहने के बाद आखिरकार द्रौपदी के घरवाले भी शादी के लिए मान गए। इसके बाद एक बैल, एक गाय और कुछ जोड़ी कपड़ों की बात पर दोनों की शादी हुई। शादी के बाद द्रौपदी और श्याम के 4 बच्चे हुए 2 बेटे और 2 बेटियां लेकिन आज सिर्फ एक बेटी ही जिंदा है। उनकी पहली बेटी जब 3 साल की थी तभी उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट्स की माने तो साल 2009 में द्रौपदी के 25 वर्षीय बेटे लक्ष्मण मुर्मू का निधन हो गया था। लक्ष्मण मुर्मू घर में बेसुध हालात में मिले थे और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एक जवान बेटे के गम से द्रौपदी अभी उबर नहीं पाई थी कि उनका दूसरा बेटा दुनिया से चल बसा।
साल 2013 में द्रौपदी मुर्मू के दूसरे बेटे की मौत हो गई वो भी रोड़ एक्सीडेंट में। अब उनकी एक ही बेटी है इति श्री मुर्मू जो बैंक में नौकरी करती है। अभी बेटों के गम से द्रौपदी उभरी नहीं थी कि उनके पति साल 2014 में इस दुनिया को अलविदा कह गए। श्याम की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। 2 जवान बेटों और पति की मौत से द्रौपदी पूरी तरह से टूट गई थी। वक्त के साथ उन्होंने खुद को संभाला और अपना ध्यान योग की तरफ लगाया। कहा जाता है कि द्रौपदी ने अपने पहाड़पुर वाले घर को स्कूल में तब्दील करवा दिया जिसमें आज बच्चे पढ़ाई करते है। वहां पर वो अक्सर अपने बेटों और पति की पुण्यतिथि पर जाती है। द्रौपदी ने एक कार्यक्रम में अपनी आंखें दान करने का ऐलान भी कर चुकी हैं।