इस रहस्यमयी झील से शुरू होता है स्वर्ग का रास्ता, त्रिदेव ने यहां लगाई थी डुबकी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 12, 2022 - 03:48 PM (IST)

उत्‍तराखंड अपनी खूबसूरती से दुनियाभर में मशहूर है। महाभारत के पांडवों का भी इस देवभूमि से गहरा संबंध माना गया है। कहा जाता है कि पांडवों ने उत्तराखंड की भूमि पर ही अपना अज्ञातवास बिताया था। इसके साथ ही महाभारत के युद्ध के बाद पवित्र धार्मिक स्थल केदारनाथ में आकर ही इन्होंने प्रायश्चित किया था। इतना ही नहीं हिमालय की गोद में स्थित संतोपंथ झील से ही पांडवों ने स्वर्ग पहुंचने की अपनी यात्रा का आरंभ किया था। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इसी झील से स्वर्ग की सीढ़ी निकलती है। मगर हिमालय के चौखंबा शिखर के तल पर स्थित संतोपंथ झील का रास्ता व आकार बेहद ही रहस्यमयी है।

PunjabKesari

PunjabKesari

सतोपंथ का अर्थ- सत्य का रास्ता

सतोपंथ का मतलब सत्य का रास्ता यानि सच्चाई की ओर बढ़ने का राह है। मान्यताओं अनुसार, पांडवों ने स्‍वर्ग जाने के दौरान इसी जगह पर स्‍नान और ध्यान किया था। कहा जाता है कि पांडवों के स्वर्ग की ओर जाते दौरान रास्ते में ही एक-एक करके सभी की मृत्यु हो गई थी। सिर्फ धर्मराज युद्धिष्ठिर ही सशरीर यानि जिंदा स्वर्ग तक पहुंच पाए थे। धार्मिक ग्रंथों अनुसार, युधिष्ठिर आकाशीय वाहन के जरिए स्वर्ग पर पहुंचे थे।

PunjabKesari

PunjabKesari

त्रिदेव से संबंध रखता झील का आकार

संतोपंथ झील का आकार बेहद ही रहस्यमयी माना गया है। आमतौर पर तो झील का आकार चौकोर होता है मगर संतोपंथ त्रिकोनी है। कहा जाता है कि एकादशी के दिन त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने इस झील के तीनों कोने में डुबकी लगाई थी। इसलिए ही यह चौकोर ना होकर त्रिकोण आकार में है। इसके साथ अन्य मान्यता अनुसार जब तक इस झील की स्‍वच्‍छता रहेगी त‍ब तक ही इसका पुण्‍य प्रभाव बना रहेगा।

PunjabKesari

निकलती है स्वर्ग की सीढ़ी

मान्यताओं अनुसार, इस रहस्यमयी झील से कुछ दूरी पर स्‍वर्गारोहिणी ग्‍लेशियर दिखाई देता है। माना जाता है कि यहीं स्‍वर्ग जाने का रास्‍ता है। इस ग्‍लेशियर पर सात सीढ़‍ियां हैं जो सीधे स्वर्ग की ओर जाती है। मगर इनमें से सिर्फ 3 सीढ़ियां ही दिखाई देती है। इनमें से बाकी की 4 सीढ़ियां बर्फ से ढकी रहती हैं।

PunjabKesari

pc: himalayan dairy and amarujala


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

neetu

Related News

static