सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनी वो महिला जिसकी मौत थी महज दो सप्ताह दूर

punjabkesari.in Friday, Aug 05, 2022 - 03:00 PM (IST)

एक तरफ सोशल मीडिया ने जहां लोगों को अभिव्यक्ति का सशक्त और बड़ा माध्यम दिया है, वहीं दूसरी तरफ इसने प्रतिभाशाली लोगों को प्रभावशाली बनने में भी मदद की है। लेकिन हम महाराष्ट्र की एक युवती का ऐसा हकीकत से भरा किस्सा लेकर आपके सामने आए हैं, जिसने पहले मौत को मात दी और फिर सोशल मीडिया पर अपनी जुबान में दमदार शख्सियत के रूप में पहचान बनाई। 


जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई मौत है और किसी को भी उसकी आखिरी तारीख नहीं पता होती, लेकिन सोचिए क्या हो अगर किसी से कह दिया जाए कि उसकी मौत महज दो सप्ताह में हो जाएगी। अगर किसी को अपनी मौत की तारीख पता चल जाए तो वह शख्स हर दिन तिल-तिल करके मरना शुरू हो जाता है। लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें मौत का खौफ भी नहीं डरा पाया और उन्होंने ना केवल मौत को मात दे दी बल्कि अपनी जिंदगी को भी सफलता की तरफ मोड़ दिया। आज हम आपके सामने एक ऐसा ही हकीकत से भरा वाक्या लेकर सामने आए हैं, जिसमें एक युवती को डॉक्टरों ने मौत की तारीख दे दी और हाथ खड़े कर दिए, पर उस लड़की ने हौसला नहीं छोड़ा और आज सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनकर दूसरों की जिंदगी संवार रही है। 

PunjabKesari

असल जिंदगी की यह कहानी महाराष्ट्र के जलगांव की है और इसकी किरदार का नाम भावना भंगाले है। फिलहाल नासिक में रह रहीं भावना एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं और 40 वर्षीय गृहणी और लेखिका हैं। देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर भावना भंगाले ने सितंबर 2020 में अपना अकाउंट बनाया और नियमित रूप से पोस्ट करना शुरू किया और अब भावना के 1.08 लाख फॉलोअर्स हो गए हैं। सोशल मीडिया पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हासिल करने वाली भावना ने अब तक दो हजार से ज्यादा कू किए हैं। 

क्या है मौत की कहानी 


भावना ने बताया, “मैं शुरुआत से तंदरुस्त थी, लेकिन यह खौफनाक कहानी है करीब आठ साल पहले की, जब मैं बहुत ज्यादा मोटी हो गईं और इस वजह से लोग मेरा मजाक उड़ाते थे। मोटापा समाज में एक बुराई की तरह है और यह कितना खतरनाक है, मुझसे ज्यादा अच्छी तरह कोई नहीं समझ सकता। मोटापे से परेशान होकर मैंने सुनी-सुनाई बातों पर यकीन कर लिया और वजन कम करने के लिए खाना-पीना कम कर दिया।“ भावना कहती हैं, ”हमारी एक गलती की वजह से हम कितने बड़े खतरे में जा सकते हैं क्योंकि जब मेरा वजन बढ़ गया था तब लोग मुझसे कहने लगे थे कि तू खाना कम खाया कर, खाना ही मत खाया कर। लोगों की बात से मैंने डाइटिंग शुरू कर दी। खाना कम कर दिया और छह महीने तक तेल और घी खाना ही बंद कर दिया। लेकिन इसकी वजह से मेरे शरीर के अंदर की सारी नमी खत्म हो गई। इससे त्वचा की समस्या हो गई और शरीर पर काले धब्बे पड़ गए। इनमें से खून निकलने लग गया। डॉक्टर ने कहा सोरायसिस है और मुझे स्टेऱॉयड के इंजेक्शन देना शुरू कर दिया। स्टेरॉयड और थायरॉयड दोनों मिलकर मुझे अलग ही दुनिया में लेकर चले गए। मेरा वजन कम होने की बजाय बढ़कर 125 किलोग्राम हो गया। मैं कपड़े भी नहीं पहन पाती थी क्योंकि मुझे कपड़े भी भारी लगने लगे।”

कैसे बची जिंदगी 


भावना ने आगे बताया- “डॉक्टर ने कहा जीने के लिए मेरे पास दो हफ्ते हैं। यह सुनने के बाद मैं टूट सी गई और सोचा कि अब क्या होगा। लेकिन फिर खुद को संभाला और मैंने आयुर्वेद से इलाज शुरू किया और आज मैं जिंदा हूं। दरअसल, जब मैं छोटी थी तब मेरे नाना जी मुझे आयुर्वेद की किताबें पढ़ने के लिए बिठाया करते थे” । भावना ने अपनी नई जिंदगी के बारे में बताया, “तब मेरे भाई का दोस्त, जो आयुर्वेद का डॉक्टर है, ने मुझे देखा और कहा कि केवल दो दिन के लिए आप मेरी बात मानिए। उसने मुझसे कहा कि आपको नमक नहीं खाना है, सिर्फ आधी रोटी खानी है और इसके साथ घी और बिना नमक वाला मक्खन खाना है। उन्होंने दो दिन में मुझे आधा किलो घी खिला दिया। मैं बार-बार उससे पूछती थी कि तू डॉक्टर ही है ना। उसने कहा कि मैं आपको सर्टिफिकेट दिखा सकता हूं"।

PunjabKesari

आयुर्वेद ने किया कमाल

उन्होंने बताया, “फिर उसने कुछ बातें पूछीं और मुझसे पूछा कि मुझे कैसा महसूस हो रहा है, फिर मुझे रिलाइज हुआ कि वाकई कितना फर्क आ गया है। फिर मुझे आयुर्वेदिक दवाओं के साथ घी खिलाकर एक साल में सवा सौ किलो से वजन घटाकर 86 किलो पर ले आए। मेरी स्किन भी बहुत अच्छी हो गई थी और अंदर से खुशी महसूस होने लगी। फिर मुझे महसूस हुआ कि आयुर्वेदिक दवाई कितनी अच्छी है और एलोपैथिक दवाइयों से बहुत ज्यादा बेहतर है।“

 

सोशल मीडिया का सफर

भावना कहती हैं, “इन मुश्किलों से बाहर आने के बाद कुछ वर्ष पहले मैंने सोशल मीडिया का रुख किया। मेरा भाई निखिल राणे मुझे मोटिवेट करने लगा और कहा कि जब आप मौत के मुंह से बाहर आ सकते हो, तो अपने तरीके को दुनिया को बताकर उनकी मदद करो। फिर मैंने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखना शुरू किया, लेकिन वो हैक होने लगा और फिर मैंने उसे छोड़ दिया। भाई को जब हैकिंग की परेशानी बताई तो उसके कहने पर सितंबर 2020 में कू ऐप ज्वॉइन किया।” भावना ने आगे बताया, “मैंने कू ऐप पर आयुर्वेद के बारे में लिखना शुरू किया। इसके अलावा मैं कई लेख भी लिखती हूं, कई मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर होने वाली चर्चा, किसी लेख की लाइनें, कविता की पंक्तियां, किताबों की बातें भी शेयर करती हूं और यूजर्स का अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है। यूजर्स का एंगेजमेंट बना रहता है और लोगों को मेरा लिखा पसंद आता है। बहुत लोग आयुर्वेद के बारे में पूछते हैं, उन्हें जानकारी देती हूं। पेज के अलावा मैसेजिंग का भी इस्तेमाल करती हूं।”

 

अपनी जुबान में जुटाए फॉलोअर्स

भावना कू ऐप पर अपनी पोस्ट्स मराठी भाषा में करती हैं। विभिन्न लेखों, अपने विचारों, कविताओं को मराठी में शेयर करती हूं और इस भाषा की कम्यूनिटी के यूजर्स से अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News

static