'आखिरी समय में भी उनके चेहरे पर स्माइल थी', लता जी के डॉक्टर ने बताया उनके आखिरी दिनों का हाल
punjabkesari.in Tuesday, Feb 08, 2022 - 12:25 PM (IST)
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से हर कोई गम में डूबा हुआ है। लता मंगेशकर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में करीब 29 दिन तक भर्ती थीं जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी उनका इलाज कर रहे थे। हाल में ही डॉक्टर प्रतीत ने उनके आखिरी दिनों के बारे में बताया। डॉक्टर प्रतीत समदानी जोकि पिछले 3 साल से उनका इलाज कर रहे थे उन्होंने कहा कि आखिरी समय पर भी लता दीदी के चेहरे पर स्माइल थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने कहा कि जब भी लता जी की तबीयत खराब होती थी तो वो उनका इलाज करते थे लेकिन इस बार उनकी सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही थी।
वो किसी भी ट्रीटमेंट के लिए मना नहीं करती थींः डॉक्टर
डॉक्टर प्रतीत ने कहा, ‘हमने अपनी पूरी कोशिश की उन्हें बचाने की, लेकिन इस बार हम उनको बचा नहीं पाए। स्वर कोकिला के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब लता मंगेशकर अस्पताल में भर्ती थीं तो वह कहती थीं कि सबका बराबर से ध्यान रखा जाना चाहिए। वो किसी भी ट्रीटमेंट के लिए मना नहीं करती थीं और जो भी ट्रीटमेंट उनके लिए जरूरी होता था उसे लेने में कभी भी आनाकानी नहीं करती थीं.
लता दीदी के स्वभाव को लेकर डॉक्टर ने कहा,मैं हमेशा उनकी स्माइल याद रखूंगा. अपने आखिरी समय में भी लता मंगेशकर के चेहरे पर स्माइल रहती थी. लास्ट कुछ सालों में उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी इसलिए वह ज्यादा लोगों से नहीं मिल पाती थीं. इस बार भगवान का कुछ और ही प्लान था और वह हम सभी को छोड़कर चली गईं.
मौत से पहले के 2 दिन काफी दर्द भरे रहे
बता दें कि इससे पहले लता जी के साथ पिछले 7 साल से रह रही नर्स ने मीडिया से की बातचीत में बताया था कि दीदी के आखिरी 2 दिन बेहद दर्द भरे रहे। लता जी की नर्स ने बताया कि आखिरी 2 दिन गायिका ने बहुत तकलीफ झेली। लता मंगेशकर की देखभाल करने वालीं सारिका देवानंद भिसे ने भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई को कहा कि वो उस वक्त लता दीदी के साथ थी जब उन्होंने अंतिम सांस ली। देवानंद भिसे लता जी के साथ साल 2015 से जुड़ी रही है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, दीदी ने हमेशा खुद से पहले हमारे (स्टॉफ के) बारे में सोचा। हम उनसे प्यार करते थे और उनकी कमी खल रही है।’ उनके आशीर्वाद से मैंने नर्सों का ब्यूरो खोला था।
लता जी के बारे में बात करते हुए भिसे ने कहा, "जब वह वेंटिलेटर पर थीं, तब भी हमें पहचान रही थीं. जब हमने मजाक किया तो वह जवाब दे रही थीं. लेकिन आखिरी दो-तीन दिन वह बहुत चुप हो गई थीं.” भयानक थे दो दिन... भीसे कहती हैं कि लता मंगेशकर के आखिरी दो दिन ‘भयानक' थे. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की.
कोविड और निमोनिया से जूझ रही थी लता जी
भीसे ने आगे कहा, "कोविड-19 और निमोनिया के कारण उनके फेफड़ों में समस्या थी. वह उससे उबर गई थीं लेकिन उन्हें फिर से वायरल इंफेक्शन हो गया और फेफड़ों पर न्यूमोनिया के पैच फिर उभर आए. उनकी ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो गई और फिर से उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा.” मंगेशकर 29 दिन तक अस्पताल में रहीं और इस दौरान सारिका भीसे लगातार उनके साथ थीं.
आखिरी वक्त में डॉक्टर ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की। उस पल के बारे में बात करते हुए भीसे ने कहा, आखिरी पलों में जब डॉक्टर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे तब परिजन कमरे के बाहर थे लेकिन मैं और एक अन्य स्टाफ नर्स अश्विनी कमरे में उनके साथ थीं शनिवार को उनका पेशाब बंद हो गया था जिस कारण उनकी किडनियों पर असर पड़ा. हम दो बार उन्हें डायलिसिस के लिए ले गए लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थीं. सुबह 8.12 उन्होंने अंतिम सांस ली.”
वही लता जी का आखिरी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वो सहारा लेकर चलती नजर आ रही है। ये वीडियो तब का है जब उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वो बिना सहारे के चल फिर भी नहीं पा रही थी।