'मम्मी सो जाएं तो बॉयफ्रेंड से चैट करूं', मां ने किया मना तो फिर कर दिया ये गंदा खेल...
punjabkesari.in Sunday, Jun 01, 2025 - 05:13 PM (IST)

नारी डेस्क: लखनऊ के कृष्णानगर इलाके से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 15 साल की किशोरी ने अपनी मां के खाने में तीन महीने तक नींद की गोलियां मिलाई ताकि मां सो जाएं और वह रात में अपने इंस्टाग्राम के बॉयफ्रेंड से बिना रोक-टोक बात कर सके।
मां की तबीयत खराब, वजह पता चली तो सब दंग रह गए
किशोरी की मां जो बुटीक चलाती हैं और साथ में घरों में खाना भी बनाती हैं, कुछ महीनों से लगातार थकान और गहरी नींद की समस्या से जूझ रही थीं। उन्होंने बिना किसी दवा के इतनी कमजोरी महसूस की कि डॉक्टर से जांच कराई। डॉक्टरों की रिपोर्ट में नींद की गोलियों के असर की जानकारी दी गई, जिसे सुनकर मां हैरान रह गईं क्योंकि उन्होंने कभी कोई ऐसी दवा नहीं ली थी।
बेटी ने कबूल किया सच
जब परिवार ने मामले की तहकीकात की, तो सबको पता चला कि नींद की गोलियां मां के खाने में उनकी ही बेटी डाल रही थी। किशोरी ने बताया कि वह ऐसा इसलिए कर रही थी ताकि मां सो जाएं और वह देर रात तक इंस्टाग्राम पर पड़ोस के लड़के से आराम से बात कर सके। यह बात सुनकर घर वाले भी दंग रह गए।
लड़का देता था नींद की गोलियां
जांच में पता चला कि इंस्टाग्राम पर बात करने वाला लड़का किशोरी को नींद की गोलियां देता था, जिससे वह मां के खाने में मिलाकर मां को नींद की दवा पिला रही थी। इससे पता चलता है कि लड़का किशोरी को गुमराह कर रहा था।
ये भी पढ़ें : भारत में भारी बारिश का कहर: बाढ़ और भूस्खलन से 32 लोगों की मौत
किशोरी को काउंसलिंग के लिए भेजा गया
मामला सामने आने के बाद किशोरी को लोकबंधु अस्पताल के वन स्टॉप सेंटर में काउंसलिंग के लिए ले जाया गया, जहां उसका धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सेंटर की मैनेजर अर्चना सिंह ने बताया कि परिवार ने लड़की पर कोई कानूनी कार्रवाई करने की बजाय उसे सही मार्ग पर लाने का फैसला किया है।
परिवार और समाज के लिए चेतावनी
अर्चना सिंह ने कहा कि किशोरी को अब समझाया जा रहा है कि मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए करें, चैटिंग जैसी गलत आदतों से बचें। साथ ही मां-बेटी के बीच संवाद बढ़ाने और एक-दूसरे को समझने की सलाह दी गई है। यह घटना इस बात को भी दर्शाती है कि डिजिटल मीडिया के गलत इस्तेमाल से किस तरह परिवार और रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
यह मामला हमें डिजिटल युग में बच्चों और युवाओं के सही मार्गदर्शन की जरूरत और परिवार में संवाद की अहमियत का एहसास कराता है। माता-पिता को अपने बच्चों के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें सुरक्षित तरीके से इंटरनेट का उपयोग करना सिखाना चाहिए।