नए साल पर बच्चों को सिखाएं ये अच्छी आदतें
punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 06:11 PM (IST)
आधुनिक जीवन शैली ने बच्चों के रहन-सहन और व्यवहार को काफी बदल दिया है। इन बदलावों में बच्चों की आदतों के साथ ही नैतिक व्यवहार भी शामिल है। बुरी आदतें जहां बच्चों के विकास पर बुरा असर डाल रही हैं, वहीं चरित्र निर्माण में भी बाधक बन रही हैं। ऐसे में पेरैंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वह प्यार व समझदारी से काम लेते हुए बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कुछ सार्थक कदम उठाएं। इन प्रयासों में वे बच्चों को नववर्ष पर कुछ अच्छी बातें और आदतें सिखाएं।
जंक फूड को अलविदा
बच्चे बुरी आदतें कम उम्र में सीख जाते हैं। आजकल बच्चे जंक फूड के शौकीन बनते जा रहे हैं। इसे पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव भी कह सकते हैं या पेरैंट्स की गलती, लेकिन इसका सबसे अधिक असर बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास पर पड़ रहा है। जंक फूड बच्चों में एलर्जी का कारण बन रहा है। बच्चों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं और शरीर में ज्यादा ट्रांस फैट होने से वे मोटापे जैसी गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि आने वाले साल में पेरैंट्स बच्चों की जंक फूड खाने की आदत छुड़ाएं। उसकी जगह उनमें सलाद और फल खाने की आदत डालें। साथ ही वह बच्चों को पेंटिंग या खेल-खेल में जंकफूड के नुक्सान बताएं।
मोबाइल और गैजेट्स से दूरी
ज्यादातर बच्चों को मोबाइल और अन्य गैजेट्स की लत लग चुकी है। इसके जिम्मेदार खुद पेरैंट्स हैं। जब बच्चा खाना नहीं खाता या होम वर्क नहीं करता तो वह उसे मोबाइल पर वीडियो गेम देखने या कार्टून देखने का लालच देते हैं। फिर बच्चा इन चीजों के लिए जिद करने लगता है। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता ऐसी आदत विकसित करें कि बच्चा गैजेट्स का कम से कम इस्तेमाल करे। पेरैंट्स उन्हें समझाएं कि गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से उनका स्वास्थय किस तरह प्रभावित हो रहा है।
छुड़वाएं बड़ी डिमांड की जिद
अक्सर बच्चे खिलौनों व तोहफों के लिए जिद करते हैं। माता-पिता अपना पीछा छुड़वाने के लिए कई बार बच्चों की पूरी न की जाने वाली डिमांड भी पूरी करने लगते हैं जिस कारण बच्चे जिद्दी होते जाते हैं। नए साल पर पेरैंट्स बच्चों को यह कहकर समझाएं कि अगर वे परिक्षा में अच्छे अंक लाएंगे या फिर कोई किताब जल्दी पढ़कर खत्म करेंगे तब उन्हें कोई गिफ्ट मिलेगा। ऐसा करने से बच्चों में अच्छी आदत विकसित होगी।