टैटू से हुई लाल किला विस्फोट में जल चुके बेटे की पहचान, बाजु पर लिखी थी मां- बाप के लिए बेहद प्यारी बात

punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 11:32 AM (IST)

नारी डेस्क: लाल किला विस्फोट के बाद मची अफरा-तफरी में, परिवारों के पास सोमवार को राजधानी में हुए भयावह हादसे में खोए अपनों की पहचान के लिए टैटू, फटी कमीज़ें और जैकेट ही बचे थे। एलएनजेपी अस्पताल के गलियारों में, वे उम्मीद से तब तक चिपके रहे जब तक कि उम्मीद टूट नहीं गई, जब स्याही का एक जाना-पहचाना निशान, फटी आस्तीन या नीली कमीज़ ने उनके सबसे बुरे डर की पुष्टि कर दी।


टैटे से हुई जले शरीर की पहचान

पीड़ितों में चांदनी चौक के एक दवा व्यवसायी 34 वर्षीय अमर कटारिया भी शामिल थे। उसका शरीर पहचान से परे जला हुआ था, लेकिन उसके परिवार को पता चल गया कि यह वही है जब उन्होंने उसके शरीर पर बने टैटू देखे, जो उसके माता-पिता और पत्नी को समर्पित थे। जो कभी प्रेम का प्रतीक था, वही उसकी पहचान का एकमात्र प्रमाण बन गया। पिता जगदीश कटारिया ने बताया कि अस्पताल से तड़के फोन आया कि बाजुओं पर बने टैटू 'मॉम माय फर्स्ट लव' और 'डैड माय स्ट्रेंथ' और ' 'कृति' लिखा है. वो आपका क्या लगता है? यह सनते ही उनके पैरों से जमीन खिसक गई।


घटना के दिन डिनर पर जाने वाला था परिवार

परिवार को पता चला गया कि उनका अमर इस दुनिया में नही रहा। हादसे में जान गंवाने वाले अमर को सोमवार रात पिता , मां, पत्नी और बेटे के साथ डिनर पर जाना था, लेकिन इससे पहले माैत उसका इंतजार कर रही थी। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट के दौरान अमर के सर में काफी ज्यादा चोट लगी थी ब्लास्ट के समय वह जमीन पर गिरा और शायद इस वजह से उसकी मौत हो गई थी और उसकी  पहचान  हाथ में बने टैटू और गले की चैन से की गई।


3 साल के बेटे के सिर से उठा पिता का साया

जहां अमर के निधन से पत्नी और मां का रो- रोकर बुरा हाल है तो वहीं 3 साल के मासूम को तो पता ही नहीं कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है। अमर के पड़ोसियों ने बताया कि वह बेहद अच्छा लड़का था। इस हादसे ने हंसते खेलते परिवार  को तबाह कर दिया।  जगदीश बताते हैं कि उनके बेटे का जन्मदिन अगले महीने, 17 दिसंबर को था। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका इकलौता बेटा अपने जन्मदिन से पहले ही मर जाएगा।
 


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vasudha

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