अंधविश्वास या आस्था! तमिलनाडू में बनी कोरोना देवी'' की मूर्ति, 48 दिन तक चलेगा महायज्ञ

punjabkesari.in Thursday, May 20, 2021 - 11:59 AM (IST)

जहां एक तरफ कोरोना महामारी ने त्राहि त्राहि मचाई हुई है वहीं, भारत में अभी कुछ लोग अंधविश्वासों को पकड़े हुए हैं। कोरोना के खात्मे के लिए एक ओर जहां वैक्सीनेशन प्रोग्राम तेज किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आस्था के कोरोना को भगाने की कोशिश चल रही है।

कोविड-19 से बचने के लिए 'कोरोना देवी' की मूर्ति पूजा

दरअसल, महामारी को खत्म करने के लिए तमिलनाडु, कोयम्बटूर के उपनगर इरुगुर में कोरोना देवी की मूर्ति लगने वाली है। प्रबंधन के मुताबिक, लोगों को कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए कमाचीपुरी आदिनाम मंदिर में ‘कोरोना देवी’ की मूर्ति बनाने का फैसला लिया है। बता दें कि यहां जमीनी परंपरा के चलते लोग प्लेग और बीमारियों से बचने के लिए देवी को प्रतिष्ठित करते हैं।

PunjabKesari

पहले भी बनाई बीमारियों की मूर्तियां

तमिलनाडु में कोरोना से पहले से प्लेग मरियाम्मन और कुछ अन्य बीमारियों से संबंधित ‘देवियों’ की मूर्ति भी स्थापित की जा चुकी है। कोयंबटूर में प्लेग के लिए बने मरिअम्मन मंदिर में प्रार्थना करने के लिए अभी भी भारी संख्या में भक्त आते हैं। लोगों की मान्यता है कि देवियों ने ही प्लेग और हैजा जैसी महामारियों में लोगों की रक्षा की थी।

48 दिन का होगा महायज्ञ

आदिनाम प्रबंधन के मुताबिक, दूसरी लहर से लोगों ने बड़ी संख्या में जान गवाई इसलिए आदिनाम ने ग्रेनाइट से कोरोना देवी की मूर्ति बनाने का निर्णय लिया है। यही नहीं, महामारी को खत्म करने के लिए 48 दिन के महायज्ञ करके खास प्रार्थना भी की जाएगी। हालांकि आम लोगों को इस हवन में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति प्रतिस्थापित होने के बाद ही लोगों को प्रार्थना करने की अनुमति मिलेगी।

PunjabKesari

बता दें कि बढ़ते केसों के चलते पिछले हफ्ते तमिलनाडु सरकार ने कड़े प्रतिबंधों की घोषणा का और राज्य में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया। गाइडलाइन के तहत अब सिर्फ किराने, सब्जियां, मांस और मछली बेचने वाले ही सुबह 6 से सुबह 10 बजे तक दुकानें खोल सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static