तालिबान का नया फरमान जारी, नेल पेंट लगाया तो काट देंगे उंगलियां

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 10:58 AM (IST)

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से आम जनता के खिलाफ अत्याचार की खबरें रोजाना सामने आती हैं। हालांकि तालिबान सुधरने और बदलने का दावा कर रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो और तस्वीरें दुनिया के सामने तालिबान का असली चेहरा उजागर कर रहे हैं। तालिबान ने महिला-पुरुष के जींस पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल ही में जींस पहनने पर कुछ युवकों को बेरहमी से पीटा गया।

नेल पेंट लगाया तो काट देंगे उंगलियां

आतंकियों ने साफ कर दिया है कि उनकी अवज्ञा करने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। यही नहीं, उन्होंने लड़कियों को नेल पॉलिश के इस्तेमाल से परहेज करने का निर्देश दिया है। तालिबानियों ने अफगानी महिलाओं पर बंदिशें लगाने के साथ सजा का प्रावधान भी रख दिया है। उन्होंने फतबा जारी किया है कि अगर किसी महिला ने नेल पेंट लगाया तो उसकी उंगलियां काट दी जाएगी। इसके अलावा महिलाओं के हाई हील्स पहनने पर भी पाबंदी लगा दी गई है क्योंकि तालिबानियों का मानना है कि उससे आने वाली आवाज पुरूषों को इशारा करती है। 

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हाई हील्स पहनने पर भी लगाई पाबंधी

उनके कदम कों की आहट कोई दूसरा न सुन पाए इस वजह से उस पर भी पाबंदी लगा दी गई है। सिर्फ अफगान ही नहीं बल्कि पूरा विश्व तालिबान की क्रूरता जान रहा है। तालिबान ना सिर्फ लड़कियों को अगवा करके दूसरे मुल्क में बेच रहे हैं बल्कि आंतकियों से उनकी जबरदस्ती शादी भी करवाई जा रही है।

क्या महिलाएं अकेले बाजार जा सकती हैं?

तालिबानी कानून के मुताबिक, महिलाएं अकेले घर से बाहर भी नहीं निकल सकती। बाहर जाते वक्त उनके साथ घर के किसी एक पुरुष सदस्य का होना जरूरी है। फिर चाहे वह कोई बच्चा हो या वयस्क ही क्यों ना हो।

क्या महिलाएं अपने दोस्तों से मिल सकती हैं?

बता दें कि अमेरिकी सेना के आने से करीब साल पहले तक अफगानिस्तान में तालिबानी शासन ही था। तब भी महिलाओं को घरों में कैद रहना पड़ता था। यहां तक ही उन्हें दोस्तों से मिलने तक की इजाजत तक नहीं थी। वहीं बात अगर मेल फ्रेंड की हो तो महिलाओं को 12 साल से ऊपर के लड़कों व परिवार के अलावा किसी भी पुरुष से मिलने की अनुमति नहीं है।

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90 फीसदी महिलाएं हिंसा की शिकार 

WHO के आंकड़ों की मानें तो अफगानिस्तान की 90% अफगान महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं जबकि 17% औरतों को यौन प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। हैरानी की बात तो यह है कि जब महिलाएं न्याय व्यवस्था का रुख करती हैं तो वह खुद को पुरुषों के मुकाबले असमर्थ पाती हैं। सिर्फ पति व परिवार ही नहीं, वकील और जज तक उसे कानूनी रास्ता ना अपनाने की सलाह देते हैं।

तालिबान के वो नियम, जो नर्क बनाते हैं महिलाओं की ज़िंदगी

. महिलाएं घर से बाहर किसी रिश्तेदार व बुर्का पहने बगैर नहीं जा सकतीं।
. पुरुषों को महिलाओं की आहट न सुनाई दे इसलिए हाई हील्स पहनने पर पाबंधी होगी।
. सार्वजनिक जगह पर किसी अजनबी को महिला की आवाज सुनाई नहीं देनी चाहिए।
. ग्राउंड फ्लोर के घरों में खिड़कियां को पेंट करना होगा, ताकि महिलाएं दिखाई न देंय़
. महिलाएं ना ही तो तस्वीरें खिंचवा सकती हैं और ना ही उनकी फोटो अखबारों, किताबों या घर की दीवार पर होनी चाहिए।
. महिला शब्द को किसी भी जगह के नाम से हटा दिया जाए।
. महिलाएं किसी भी सार्वजनिक एकत्रीकरण का हिस्सा नहीं होनी चाहिए।
. तालिबान शासन में महिलाओं को नेल पेंट या सजने-संवरने की इजाजत नहीं है।
. महिलाओं को काम करने की इजाजत दी जाएगी।

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महिलाएं शिक्षा, गायन और नृत्य में शामिल हो सकती हैं?

तालिबान शासन में महिलाएं शिक्षा तो ले सकती हैं लेकिन ऐसे स्कूल में जहां पुरुष ना हो। यही नहीं, शरिया कानून के तहद उन्हें गायन, मॉडलिंग और नृत्य सीखने की भी मनाही होगी।

नियम तोड़े तो क्या होती है महिलाओं के लिए सजा? 

तालिबान के बनाए नियम कानून तोड़ने वाली महिलाओं के लिए सख्त कानून भी बनाए गए हैं। 
शरिया कानून के तहद, अगर कोई महिला इन नियमों को तोड़ती हैं तो उन्हें सार्वजनिक प्रताड़ना, कोड़े की मार और भीड़ के बीच पत्थर मारकर मौत की सजा दी जा सकती है। यही नहीं, अगर कोई लड़की अगर अरेंज मैरिज से भागती है तो उसकी नाक व कान काट दिए जाते हैं। नेल पेंट लगाने पर उनकी उंगलियां काटने की क्रूर सजा दी जाएगी।

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तालिबान ने महिलाओं की जिंदगी बद से बदतर बना दी है। आखिर उन्हें कब मिलेगा महिला समानता (Women Equality)का अधिकार।


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Content Writer

Anjali Rajput

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