Baby Care: ऐसे करें शिशु के गर्भनाल की देखभाल, इंफेक्शन से रहेगा बचाव

punjabkesari.in Tuesday, Feb 08, 2022 - 02:05 PM (IST)

नाभि हमारे शरीर का सबसे छोटा पर महत्वपूर्ण भाग माना जाता है। एक्सपर्ट अनुसार, इसी के माध्यम से गर्भ में पल रहे शिशु को मां के शरीर के पूरा पोषण मिलता है। जन्म के बाद इस गर्भनाल को मां के शरीर से काटकर अलग किया जाता है। मगर शिशु के गर्भनाल का कुछ भाग थोड़ी समय के लिए शरीर के बाहर रहता है। यह धीरे-धीरे सूखकर शिशु की बॉडी से अलग हो जाता है। मगर इसके सूखने तक इसका खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। नहीं तो शिशु के ब्लीडिंग व इफेक्शन होने का खतरा रहता है। ऐसे में आज हम आपको शिशु की गर्भनाल की सफाई करने के कुछ खास टिप्स बताते हैं...

जन्म के बाद कितने दिनों बाद अलग होती है गर्भनाल?

जन्म के बाद करीब 5 से 10 दिनों के बीच शिशु की गर्भनाल अलग होती है। हालांकि, कुछ मामलों में इसे अलग होने में तीन सप्ताह या इससे अधिक का समय लग जाता है। इस दौरान पेरेंट्स को बच्चे की गर्भनाल का अच्छे से देखभाल की जरूरत होती है।

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गर्भनाल को सूखा रखना जरूरी

एक्सपर्ट अनुसार, जन्म के बाद बच्चे के ठूंठ को सूखा रखना चाहए। इसमें पानी लगाने से बचना चाहिए। हवा के संपर्क में इसे रखने से गर्भनाल सूखी रहती है। शिशु को डायपर पहनाते समय भी उसके ठूंठ के हिस्से को ढके ना। नहीं तो बच्चे के गर्भनाल को हवा नहीं लगेगी। इसके लिए आप डायपर के उस हिस्से को काटकर अलग करके बच्चे को पहनाएं। इसके साथ ही मूत्र के संपर्क में गर्भनाल को लगाने से बचें।

सफाई का रखें ध्यान

शिशु के गर्भनाल की सफाई का खास ध्यान रखें। इसके लिए पानी को उबालकर ठंडा करें। फिर कॉटन पैड को पानी में डुबोकर शिशु की गर्भनाल को हल्के से साफ करें। इसे जोर से साफ करने से बचें नहीं तो शिशु को ब्लीडिंग हो सकती है।

एंटीसेप्टिक करें इस्तेमाल

गर्भनाल की सफाई करने के बाद इसपर आप एंटीसेप्टिक दवाएं लगा सकते हैं। इससे वह संक्रमण से सुरक्षित रहेगा। मगर एल्कोहल युक्त एंटीसेप्टिक ना लगाएं। इससे नाल को सूखने में समय अधिक लगता है।

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नैपी रखें ढीला

जैसे कि पहले ही बताया गया है कि शिशु की गर्भनाल को सूखने में उसे अच्छे से हवा लगने की जरूरत होती है। इसलिए उसकी नैपी को जोर से बांधने की जगह उसे थोड़ा ढीला रखएं। कसकर नैपी डालने से शिशु की स्किन पर रगड़ पड़ सकती है। इसके अलावा वहां खून निकलने की समस्या भी हो सकती है।

कपड़े चुनते व पहनाते समय रखें ध्यान

नवजात शिशु को सूती व ढीले कपड़े पहनाने चाहिए। इससे उसकी नाभि पर कसाव व रगड़ नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही गर्भनाल को अच्छे से हवा लगने से वह जल्दी सूख सकता है। शिशु को पॉलिस्टर या फैशनेबल कपड़े पहनाने की गलती ना करें। इससे उसे इंफेक्शन, ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है।


इसतरह आप इन आसान उपायों को अपनाकर शिशु की गर्भनाल की देखभाल कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ परेशानी होने पर बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।

pc: freepik


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neetu

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