जोड़ों का दर्द है विटामिन D की कमी का पहला संकेत, इन चीजों से करें बचाव

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2019 - 07:19 PM (IST)

विटामिनD हमारे शरीर को कई रोगों से लड़ने की शक्ति देता है लेकिन इसकी कमी भारतीय लोगों में दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। अधिकतर लोग इसकी कमी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते जिस वजह से विटामिन-डी की कमी धीरे-धीरे शरीर के सभी हिस्सों को कमज़ोर बना देती है जिसकी वजह से बुढ़ापे में हड्डियां, मांसपेशियों और जोड़ों में ज़्यादा दर्द होता है। इसलिए इसकी कमी के लक्षण पहचाना जरूरी है। 

 

खून में कितना होना चाहिए विटामिनD? 

एक शोध के मुताबिक भारत में 95 फीसदी महिलाएं विटामिन-डी की कमी से पीड़ित हैं। ऐसा नहीं है कि पुरुषों को इसकी कमी नहीं होती लेकिन महिलाओं के मुक़ाबले उनमें ये दिक्क़त कम पाई जाती है। आजकल ज़्यादातर भारतीयों में विटामिन-डी 5 से 20 नैनोग्राम के बीच में पाया जाता है जबकि विटामिन-डी की मात्रा खून में 75 नैनो ग्राम होनी चाहिए। जब इसकी मात्रा 50 से 75 नैनो ग्राम के बीच होती है तो व्यक्ति में विटामिन डी की मात्रा अपर्याप्त मानी जाती है। 

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आखिर क्या और क्यों जरूरी है विटामिन डी?

विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं- विटामिन डी2 (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन डी3 (या कोलेकेलसीफेरोल)। विटामिन डी शरीर की टी-कोशिकाओं की क्रियाविधि में वृद्धि करता है, जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं। यदि इन कोशिकाओं को रक्त में पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता तो वो अपना काम करना बंद कर देती हैं। 

 

विटामिन D की कमी के लक्षण 

थकान और कमजोरी महसूस होना
मांसपेशियों का कमजोर होना
इम्युनिटी सिस्टम कमजोर
ज्यादा स्ट्रेस महसूस होना 
समय से पहले झुर्रियां आना
ब्लड प्रेशर बढ़ना 
पाचन संबंधी परेशानियां
जरुरत से ज्यादा नींद आना
सर से अधिक पसीना आना
हड्डियों में दर्द होना

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कैसे पूरी करें विटामिन डी की कमी 
सुबह की धूप 

विटामिन डी की कमी को पूरा करने का सबसे आसान व पक्का नुस्खा धूप है। त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया तेजी से होती है। रोजाना 45 मिनट तक धूप में रहने से विटामिन डी की कमी पूरी की जा सकती है। धूप सेंकने के लिए सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक का वक्‍त सबसे अच्‍छा होता है। 

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सालमोन और ट्यूना

सालमोन और ट्यूना मछली 'विटामिन डी' का उच्‍च स्रोत होती हैं। सालमोन विटामिन डी की हमारी रोजाना जरूरत का एक तिहाई हिस्‍सा पूरा करने के लिए काफी होती है। इसलिए अपनी डाइट में इनको शामिल रखें। 

दूध और अंडा

दूध भी विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत है। दिन भर में जितना विटामिन डी चाहिए, दूध उसका 20 फीसदी हिस्‍सा पूरा कर देता है जबकि अनफॉर्टफाइड डेयरी प्रॉडक्ट्स में विटामिन डी कम मात्रा में पाया जाता है। वहीं अंडा भी विटामिन डी से भरपूर होता है। ध्यान रखें कि अंडे की जर्दी खाने से ज्यादा फायदा मिलता है।  

संतरे का रस

संतरे का रस भी विटामिन डी से भरपूर होता है। कई स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन डी से स्वास्थ्य में जल्‍दी सुधार कर सकते हैं। इसलिए अपनी डाइट में संतरे के जूस को जरूर शामिल करें।विटामिन डी की पूर्ति के लिए नाश्ते से अनाज भी शामिल रखें। 

मशरूम

मशरूम में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है, लेकिन शीटेक मशरूम में सफेद मशरूम के तुलना में अधिक विटामिन डी होता है। विटामिन डी की अधिक मात्रा लेने के लिए शीटेक मशरूम को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा रिकटता चीज़ में अन्‍य पनीर की तुलना में पर्याप्‍त मात्रा में विटामिन डी होता है। 

ऑइस्टर (कस्तूरी)

ऑइस्‍टर एक स्‍वस्‍थ आहार है जिसमें विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है बल्कि इसमें विटामिन बी 12, आयरन, जिंक, कॉपर और सेलेनियम की मात्रा भी अच्छी होती है लेकिन ऑइस्‍टर में कोलेस्ट्रॉल ज्‍यादा होने के कारण इसे सही मात्रा में ही खाया जाना चाहिए।

कॉड लिवर ऑयल

कॉड लिवर ऑयल विटामिन डी से भरपूर होता है। इसमें मौजूद विटामिन A और D के उच्‍च स्‍तर के कारण इसे सुपरफूड्स माना जाता है। अगर आप विटामिन डी में वृद्धि करना चाहते हैं तो डाइट में इसे जरूर शामिल करें। 


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Content Writer

Sunita Rajput

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