बच्चेदानी निकलवाने के बाद भी हो सकता है ओवेरियन कैंसर: जानें कारण और लक्षण

punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 04:43 PM (IST)

 नारी डेस्क: अक्सर महिलाओं को यह गलतफहमी होती है कि अगर उनकी बच्चेदानी (गर्भाशय) निकाल दी जाए, तो उन्हें ओवेरियन कैंसर नहीं हो सकता। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कई मामलों में देखा गया है कि हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) यानी बच्चेदानी हटाने के बाद भी महिलाओं को ओवेरियन कैंसर हो जाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हो सकते हैं और किसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

ओवेरियन कैंसर क्या है?

ओवेरियन कैंसर महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में होने वाला कैंसर है। जब ओवरी की कोशिकाएं बिना नियंत्रण के बढ़ने लगती हैं, तो वहां ट्यूमर बनने लगता है। ओवरी महिलाओं के प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा होती है, जो न केवल अंडाणु बनाती है, बल्कि हार्मोन को संतुलित रखने में भी मदद करती है।

PunjabKesari

 हिस्टेरेक्टॉमी के बाद भी क्यों हो सकता है ओवेरियन कैंसर?

ओवरीज को पूरी तरह न हटाना

हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान कई बार सिर्फ बच्चेदानी ही हटाई जाती है और ओवरीज को छोड़ दिया जाता है। अगर ओवरीज शरीर में मौजूद हैं, तो उनमें कैंसर होने की संभावना बनी रहती है।

 रेसिड्यूअल ओवेरियन सिंड्रोम (Residual Ovarian Syndrome)

यह तब होता है जब सर्जरी के समय ओवरी का कुछ हिस्सा या टिश्यू शरीर में रह जाता है। ये टिश्यू आगे जाकर गांठ बना सकते हैं, जो कैंसर का रूप भी ले सकता है।

PunjabKesari

ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms)

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद ओवेरियन कैंसर के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए-

ये भी पढ़ें: गर्भवती महिला को जरूर जाननी चाहिए प्रेमानंद जी महाराज की ये 4 बातें

पेट में फुलाव या सूजन (Bloating)

पेट का बार-बार फूला हुआ या भारी महसूस होना ओवेरियन कैंसर का एक प्रारंभिक और आम लक्षण हो सकता है। यह सूजन अक्सर दिनभर बनी रहती है और गैस या अपच जैसी आम समस्याओं से अलग होती है। कई महिलाएं इसे मामूली पाचन समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जबकि यह ओवरी में बन रहे ट्यूमर का संकेत हो सकता है। अगर यह समस्या कई हफ्तों तक लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

निचले पेट या पेल्विक एरिया में दर्द

ओवेरियन कैंसर की स्थिति में पेट के निचले हिस्से में बार-बार दर्द उठ सकता है, जो कभी हल्का तो कभी तेज हो सकता है। यह दर्द मासिक धर्म या गैस के दर्द से अलग महसूस होता है और समय के साथ बढ़ भी सकता है। कई महिलाएं इसे सामान्य स्त्रीरोग से जुड़ी समस्या मानकर अनदेखा कर देती हैं। यदि यह दर्द लगातार बना रहे, तो यह कैंसर की चेतावनी हो सकता है।

 भूख में कमी और खाने की आदतों में बदलाव

ओवेरियन कैंसर में अक्सर भूख लगना कम हो जाती है। महिला को कुछ भी खाने का मन नहीं करता, और जब खाती हैं तो बहुत थोड़ी मात्रा में ही पेट भरने का एहसास होता है। यह लक्षण पेट पर दबाव या सूजन के कारण होता है, जो ओवरी में बढ़ते ट्यूमर के कारण हो सकता है। समय के साथ यह समस्या कमजोरी और कुपोषण का कारण भी बन सकती है।

PunjabKesari

वजन में अचानक बदलाव

बिना किसी डाइट या एक्सरसाइज के अचानक वजन का घटना या बढ़ना एक गंभीर संकेत हो सकता है। वजन घटने के पीछे भूख न लगना या पोषण की कमी हो सकती है, जबकि कुछ मामलों में पेट में फ्लूइड इकट्ठा होने के कारण वजन बढ़ता है। इस तरह के बदलाव को सामान्य समझकर छोड़ना नहीं चाहिए, खासकर तब जब ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें।

ओवेरियन कैंसर के प्रकार

ओवेरियन कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

एपिथेलियल ट्यूमर (Epithelial Tumor): सबसे आम प्रकार, जो ओवरी की बाहरी परत से शुरू होता है।

जर्म सेल ट्यूमर (Germ Cell Tumor): यह ट्यूमर उन कोशिकाओं से शुरू होता है जो अंडाणु बनाते हैं।

स्ट्रोमल ट्यूमर (Stromal Tumor): ये ओवरी के अंदर हार्मोन बनाने वाले टिश्यू से शुरू होते हैं।

 गर्भाशय कैंसर और ओवेरियन कैंसर में अंतर कैसे समझें?

गर्भाशय कैंसर में आमतौर पर मासिक धर्म में बदलाव, पेल्विक दर्द और संबंध बनाते समय असहजता जैसे लक्षण होते हैं। वहीं ओवेरियन कैंसर में पेट की सूजन, भूख की कमी, और अचानक वजन में बदलाव जैसे लक्षण ज्यादा दिखाई देते हैं।

क्या ओवेरियन कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

अगर समय पर ओवेरियन कैंसर का पता चल जाए और सही इलाज (जैसे सर्जरी, कीमोथेरेपी आदि) मिल जाए, तो मरीज की जीवन बचाई जा सकती है। कई मामलों में यह कैंसर शुरुआती स्टेज में पकड़ में आ जाए तो पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है।

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद यह मान लेना कि अब कोई कैंसर नहीं हो सकता, एक खतरनाक भ्रम हो सकता है। महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित चेकअप और समय पर इलाज से कैंसर जैसे गंभीर रोगों को भी मात दी जा सकती है।  

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static