ब्रेन स्ट्रोक आने से पहले शरीर देता है ऐसे संकेत, समय रहते कर लें गौर

punjabkesari.in Monday, Mar 11, 2024 - 10:27 AM (IST)

बढ़ते स्ट्रेस और खराब लाइफस्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स  की मानें तो शारीरिक गतिविधियां न करने के कारण दिमाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है जिसके कारण माइग्रेन और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें व्यक्ति के दिमाग के अंदर खून की कमी पूरी करने वाली नसों में ब्लॉकेज होने लगती है। हर साल लाखों लोगों की इस बीमारी के कारण जान भी चली जाती है परंतु यदि ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों पर गौर किया जाए तो बीमारी से होने वाली गंभीरता को कम किया जा सकता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण क्या है। 

इन कारणों से आता ब्रेन स्ट्रोक 

जैसे हार्ट में रक्त की कमी होने पर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है वैसे ही ब्रेन स्ट्रोक के भी दो मुख्य कारण होते हैं जिसमें से एक इस्केमिक स्ट्रोक माना जाता है। यह तब होता है जब ब्रेन में खून की कमी पूरी करने के लिए समस्या आने लगती है। इस्केमिक स्ट्रोक के कारण ब्लड की सप्लाई में आने वाली परेशानी के कारण टिश्यू भी डैमेज हो सकते हैं। इसके अलावा रक्त को दिमाग में पहुंचाने वाली नस फटने के कारण ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। 

. हाई ब्लड प्रेशर

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.  डायबिटीज

.  धूम्रपान

. हाई कोलेस्ट्रॉल 

. शराब का ज्यादा सेवन 

. शारीरिक गतिविधियों में कमी 

जैसे कारण भी ब्रेन स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। 

लक्षण 

. बोलने में कठिनाई होना 

. धुंधला और कम दिखाई देना 

. अचानक से सिर में तेज दर्द होना

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. चक्कर आना

. हाथ-पैरों में झनझनाहट रहना 

. चेहरे की बनावट बदलना 

. चेहरा झुक जाना 

इलाज 

डॉक्टर्स की मानें तो ब्रेन स्ट्रोक किस वजह से आया है इसके अनुसार ही बीमारी का इलाज किया जाता है। ब्रेन में ब्लड क्लॉट के कारण ब्लड सप्लाई में रुकावट के लिए दवाएं दी जा सकती हैं। इन दवाईयों के कारण ब्लड फ्लो ठीक हो सकता है। इसके अलावा गंभीर परिस्थिति में मरीज को सर्जरी की जरुरत भी पड़ सकती है।

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नोट: इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर एक बार डॉक्टर को संपर्क जरुर करें। 


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palak

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