नाबालिग रेप केस: रात भर अस्पताल के बाहर सोई स्वाति मालीवाल, बोली- डॉक्टर बच्ची से मिलने नहीं दे रहे

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 12:10 PM (IST)

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल सोमवार को एक अस्पताल में धरने पर बैठ गईं और दावा किया कि उन्हें उस किशोरी से मिलने से रोका गया जिसके साथ दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कथित रूप से बलात्कार किया था।  दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर किशोरी के साथ कई बार बलात्कार किया। अधिकारी की पत्नी पर भी पीड़ित को गर्भपात के लिए दवाएं देने का आरोप लगाया गया है। 


दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष मालीवाल ने आरोप लगाया कि अस्पताल अधिकारियों ने उन्हें पीड़िता से मिलने की अनुमति नहीं दी। महिला आयोग ने एक बयान में कहा- ‘‘अस्पताल के निदेशक डीसीडब्ल्यू प्रमुख से मिलने आए और उन्हें सूचित किया कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) और एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) अस्पताल के अंदर हैं और उनसे उन्हें (मालीवाल) पीड़िता से नहीं मिलने देने के लिए कहा है।'' आयोग ने दिल्ली पुलिस और शहर सरकार के महिला एवं बाल विकास और सेवा विभाग को भी नोटिस भेजकर मामले में कार्रवाई के लिए कहा है

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मालीवाल ने कहा- यह 'चौंकाने वाला' है कि दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के आठ दिन बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा, "यहां तक कि मुझे दिल्ली पुलिस के कहने पर पीड़िता से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। मैं पीड़िता से मिलूंगी और हर संभव सहायता प्रदान करूंगी।'' महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से गिरफ्तारी के विवरण के साथ प्राथमिकी की एक प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा है। इसने अधिकारी के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। आयोग ने पूर्व में अधिकारी के खिलाफ की गई शिकायतों और उस संबंध में की गई कार्रवाई का विवरण मांगा। 

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सोशल मीडिया मंच ‘एक्स'  पर जारी राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) अध्यक्ष रेखा शर्मा के बयान में कहा गया कि डीसीडब्ल्यू का ‘‘अपना अधिकारी पिछले दो वर्षों से एक किशोरी के साथ बलात्कार कर रहा था।'' इसके जवाब में मालीवाल ने कहा कि ‘‘झूठे आरोप और आयोग को बदनाम करने'' के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मालीवाल ने कहा, ‘‘एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष और कुछ भाजपा नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर कड़ी आपत्ति जताई गई है, जिसमें कहा गया है कि आरोपी डीसीडब्ल्यू का कर्मचारी है। यह बयान एक दुष्प्रचार है। ऐसी फर्जी खबरें फैलाने और आयोग को बदनाम करने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''  


 


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vasudha

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