बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा की आप भगवान को...

punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 03:05 PM (IST)

नारी डेस्क : उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मंदिर प्रशासन केवल पैसे वालों की सुविधा के लिए भगवान को आराम नहीं करने दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप देवताओं को आराम तक करने नहीं दे रहे और जो लोग मोटा पैसा देते हैं, उन्हें विशेष सुविधा दे रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

बांके बिहारी मंदिर के पुजारियों और गोस्वामी समाज ने मंदिर के दर्शन समय बढ़ाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और मंदिर की हाई पावर कमेटी को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई जनवरी में होगी, जब संबंधित पक्षों को जवाब देना होगा। बता दें की मथुरा में बांके बिहारी की मूर्ति को कान्हा के बाल स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। पुजारी सुबह मंदिर के कपाट खोलते हैं, साफ-सफाई और श्रृंगार करते हैं, भोग लगाते हैं और श्रद्धालुओं को दर्शन कराते हैं। दोपहर में भगवान को विश्राम कराया जाता है।

PunjabKesari

पहले गर्मियों में दर्शन का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5:30 बजे से 9:30 बजे तक था। सर्दियों में यह समय सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 4:30 बजे से 8:30 बजे तक निर्धारित था।

यें भी पढ़ें : इस देश में सैकड़ों बच्चों का पिता बना ये चीनी अरबपति, बोला – सिर्फ हाई क्वालिटी बेटे चाहिए

श्रद्धालुओं की सुविधा और भगवान की परेशानी

सुप्रीम कोर्ट की समिति ने सुबह और शाम की शिफ्ट में एक-एक घंटे का समय बढ़ा दिया था, जो दो महीने पहले लागू हुआ। गोस्वामी समाज के पुजारी इस बदलाव से नाराज हैं और कहते हैं कि कान्हा छोटे हैं और दर्शन देते-देते थक जाते हैं।

PunjabKesari

कोर्ट की टिप्पणी

गोस्वामी समाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत, जस्टिस जॉयमाला बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की बेंच ने कहा कि कपाट दोपहर 12 बजे बंद होने के बाद देवता को एक मिनट भी आराम नहीं दिया जा रहा। वहीं, प्रभावशाली लोग जो मोटा पैसा दे सकते हैं, उन्हें विशेष दर्शन की अनुमति दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन में खामियों पर भी नाराजगी जताई। अगली सुनवाई तक यह देखना होगा कि क्या मंदिर प्रशासन अपनी व्यवस्था में बदलाव करता है या नहीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Monika

Related News

static