बस डिपो से रेडियो जौकी की नौकरी तक, कुछ ऐसे थे सुनील दत्त के संघर्ष के दिन
punjabkesari.in Saturday, Jun 06, 2020 - 05:16 PM (IST)
बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर रहे सुनील दत्त की आज बर्थ एनिवर्सरी हैं और पिता की बर्थ एनिवर्सरी पर संजू बाबा ने अपने बचपन की तस्वीर शेयर की और लिखा -You have always been my source of strength and happiness. Happy Birthday Dad!❤️"
सुनील दत्त जिन्होंने बॉलीवुड में तो अपना सितारा चमकाया ही था साथ ही में राजनीति में भी अपना सिक्का खूब जमाया था। जीवन में उन्होंने बहुत संघर्ष किया बेटे को नशे से बाहर लेकर आने से लेकर पत्नी नरगिस की कैंसर की लड़ाई तक, वह हर पल परिवार के लिए डाल बनकर खड़े रहें।
सुनील दत्त को एशो-आराम की जिंदगी शुरु से ही नहीं मिल गई थी इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की चलिए उनकी जंयती के मौके पर उन्होंने स्ट्रगल की कहानी शेयर आपके साथ करते हैं।
जिंदगी के शुरूआती दिनों में सुनील दत्त पहले रेडियो में काम किया करते थे लेकिन ऐसा नहीं है कि रेडियो से पहले उन्होंने कोई काम नहीं किया बल्कि रेडियो में नौकरी करने से पहले उन्होंने बस डिपो में नौकरी की थी और इस नौकरी में उनका काम बस इतना सा था कि उन्हें इस बात का रिकॉर्ड रखना था कि बस में कितना डीजल ऑयल डालना है। यहीं काम वे दोपहर से लेकर रात तक करते थे।
यह नौकरी वह पढ़ाई के साथ साथ करते थे इसलिए उन्होंने घर आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था क्योंकि कई बार उनकी बस भी छूट जाती थी।
लंबे संघर्ष के बाद उन्हें रेडियो की नौकरी के दौरान ही पहला ब्रेक मिला। रेडियो जॉकी के तौर पर रेडियो सिलोन पर फिल्मी सितारों के इंटरव्यू से करियर की शुरुआत की थी। जहां उनकी मुलाकात कई बड़ी शख्सियतों से होती थी तो हर कोई आकर उन्हें यही कहता कि लंबे चोड़े हो सुंदर हो फिल्म कलाकार क्यों नहीं बनते? इसी तरह एक बार उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता रमेश सहगल से हुई जिसने सुनील दत्त के सामने हीरों के रोल का प्रस्ताव रखा बस यहीं से शुरु हो गया सुनील दत्त का फिल्मी सफर। फिर वह आगे ही बढ़ते गए।
सुनील दत्त पहले ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने सही मायने में 'एंटी हीरो' की भूमिका निभाई और उसे स्थापित करने का काम किया। सुनील ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1955 में फिल्म 'रेलवे प्लेटफार्म' से की थी।