भारत की यह नदी जिसकी रेत में छिपा है सोना, जान लें लोकेशन, बहुत खूबसूरत मिलेगा नजारा

punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 05:44 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत में कई नदियां अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जानी जाती हैं, लेकिन कुछ नदियां अपनी अनोखी खासियत के कारण भी मशहूर होती हैं। ऐसी ही एक नदी है सुबर्णरेखा नदी, जिसे गोल्ड रिवर यानी ‘सोने की नदी’ कहा जाता है। इसका नाम ही इसकी खास पहचान को दर्शाता है। “सुबर्णरेखा” का अर्थ होता है सोने की लकीर या सोने की धारा, और यही कारण है कि यह नदी देश की सबसे अलग और खास नदियों में गिनी जाती है।

नदी का उद्गम और मार्ग

सुबर्णरेखा नदी का उद्गम झारखंड की राजधानी रांची के पास नागड़ी क्षेत्र से होता है। यह एक वर्षा आधारित नदी है, जिसका कुल लंबाई लगभग 474 किलोमीटर है। नदी झारखंड से निकलकर ओडिशा और फिर पश्चिम बंगाल से होकर बहती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। तीनों राज्यों से गुजरते हुए नदी अपने साथ अलग-अलग भौगोलिक और सांस्कृतिक रंग लिए बहती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

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सुबर्णरेखा को ‘सोने की नदी’ क्यों कहा जाता है?

इस नदी को गोल्ड रिवर कहा जाने की सबसे बड़ी वजह इसके रेतीले तल में पाए जाने वाले सोने के छोटे-छोटे कण हैं। सदियों पहले से ही कहा जाता रहा है कि सुबर्णरेखा नदी की रेत में सोने के कण मिलते हैं। आज भी नदी के किनारे रहने वाले कुछ स्थानीय समुदाय पारंपरिक तरीके से रेत छानकर प्लेसर गोल्ड यानी कच्चे सोने के बारीक कण निकालते हैं। यही कारण है कि इसे सोने की नदी कहा जाता है और इसकी पहचान सोने से जुड़ी हुई है।

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खनिज संपदा और आर्थिक महत्व

सुबर्णरेखा नदी खनिज संपदा के लिहाज से भी बहुत समृद्ध मानी जाती है। इसके आसपास के इलाकों में तांबा, लौह अयस्क और अन्य खनिज पाए जाते हैं। इतिहासकारों के अनुसार, प्राचीन काल में इस नदी के आसपास खनन गतिविधियां काफी सक्रिय थीं। यही वजह है कि यह क्षेत्र आर्थिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है।

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प्राकृतिक सुंदरता

सुबर्णरेखा नदी प्राकृतिक सुंदरता में भी किसी से कम नहीं है। इसके किनारे हरे-भरे जंगल, पहाड़ियां और झरने देखने को मिलते हैं। झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में नदी का बहाव शांत रहता है। वहीं कुछ हिस्सों में यह तेज धाराओं और झरनों के रूप में बहती है। खासकर बारिश के मौसम में नदी का नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है, जब यह पूरे शबाब पर होती है।

सुबर्णरेखा नदी न केवल प्राकृतिक रूप से सुंदर है, बल्कि यह सांस्कृतिक, आर्थिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी भारत की एक महत्वपूर्ण नदी है। 


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Content Editor

Priya Yadav

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