स्कार्फ पहन चलाई साइकिल तो तालिबानियों ने किया हमला लेकिन हारी नहीं मासोमा अली जादा
punjabkesari.in Thursday, Jul 15, 2021 - 05:13 PM (IST)
कहते हैं कि अगर सपने पूरी करने की हिम्मत हो तो मंजिलों तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। इस बात को सच कर दिखाया है अफगानिस्तानी की रहने वाली मासोमा अली जादा जादा ने, जो टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने जा रही है। मासोमा अली स्कार्फ पहनकर साइकिल चलाने के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। आज वह जिस मुकाम है उसके लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। चलिए आपको बताते हैं उनकी संघर्ष भरी कहानी।
साइकिल चलाई तो तालिबानियों ने किया हमला
छोटी उम्र में ही उनके परिवार को ईरान छोड़कर अफगानिस्तान आना पड़ा क्योंकि तालिबालियों को उनके साइकिल चलाने से दिक्कत थी। मगर, यहां भी तालिबालियों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उनपर साइकिल चलाने से रोकने के लिए कई हमले किए गए। एक बार साइकिल चलाते हुए उन्हें टक्कर मारने की कोशिश भी की गई। जबरदस्ती शादी का दवाब बनाया गया लेकिन जब वह नहीं मानी तो परिवार को देश निकाला दे दिया गया। 24 साल की मासोमा ने मजबूरन परिवार के साथ फ्रांस में शरण ली और अब वह शरणार्थी के तौर पर वहां रह रहे हैं।
अफगानिस्तान में साइकिल चलाने पर गालियां मिलती थीं: मासोमा
हजारा समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मासोमा ने बताया कि वो बचपन से ही साइकिल चलाने की शौकीन रही हैं। काबुल में ही उन्होंने नेशनल टीम ज्वॉइन कर ली थी, तब उनकी उम्र महज 16 साल थी। मगर, फिर उनका मुश्किल दौर शुरू हो गया। तालिबानियों ने उन्हें साइकिल चलाता देख पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। पड़ोसी व परिवार के लोग भी ताने और गालियां देते थे। उनके परिवार पर इतना दबाव बनाया गया कि उनके पास देश छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
फ्रांस से मिली स्कॉलरशिप
मगर, सपने सच्चे हो तो भगवान भी कोई ना कोई रास्ता दिखा देते हैं। फ्रांस में मासोम के सपनों को मानों नए पंख मिल गए जब उन्हें स्कॉलशिप दी गई। इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और आज वो ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं।
स्विटजरलैंड में एक महीने तैयारी की
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) की तरफ से 56 रिफ्यूजी एथलीट्स को स्कॉलरशिप दी गई, जिसमें उनके साथ 29 युवाओं का नाम शामिल है। उन्होंने करीब 1 महीने तक स्विट्जरलैंड में तैयारी की और 1 जुलाई को टोक्यो पहुंची। 28 जुलाई की टूर्नामेंट में मासोमा को अन्य 25 एथलीट्स के साथ 22.1 कि.मी. की रेस लगानी होगी।