स्टार जिमनास्ट दीपा करमाकर ने भारी मन से लिया सन्यास, बोली- आज मुझे खुद पर गर्व है

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 07:47 PM (IST)

नारी डेस्क:  भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर कर  जिमनास्टिक से संन्यास की घोषणा कर दी है। दीपा  2018 में FIG आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक वर्ल्ड चैलेंज कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी थी। लाखों लोगों को प्रेरित करने और भारतीय जिम्नास्टिक्स को वैश्विक मानचित्र पर लाने वाले दीपा ने अपने संयास की घोषणा से फैंस को भावुक कर दिया है। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जिम्नास्टिक मेरी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा है: दीपा करमाकर 

दीपा करमाकर ने अपने पोस्ट में लिखा- "बहुत सोचने के बाद, मैंने यह फैसला लिया है कि मैं जिम्नास्टिक से रिटायर हो रही हूं। यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन यही सही वक्त है। जिम्नास्टिक मेरी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा है, पूरी तरह से सोचने के बाद मैंने अपने जूते लटकाने का फैसला किया है। यह एक आसान फैसला नहीं था, लेकिन यह सही समय है। जिम्नास्टिक मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा था और मैं हर पल के लिए आभारी हूं - उतार-चढ़ाव और बीच में सब कुछ," । 

 

दीपा को है खुद पर गर्व

जिमनास्ट ने आगे लिखा-  "मुझे पांच साल की दीपा याद है, जिसे बताया गया था कि वह अपने सपाट पैरों के कारण कभी जिमनास्ट नहीं बन सकती। आज, मुझे अपनी उपलब्धियों को देखकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना, पदक जीतना और सबसे खास, रियो ओलंपिक में प्रोडुनोवा वॉल्ट करना मेरे करियर के सबसे यादगार पल रहे हैं। आज, मैं दीपा को देखकर बहुत खुश हूं क्योंकि उसने सपने देखने की हिम्मत की।" दीपा उन पांच महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने प्रोडुनोवा में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है जिसे वर्तमान में महिला जिमनास्टिक में किए जाने वाले सबसे कठिन वॉल्ट में से एक माना जाता है। 

 

इस साल रचा इतिहास

इस साल की शुरुआत में, दीपा ने ताशकंद में एशियाई सीनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट बनीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा है- "मेरी आखिरी जीत एशियाई जिमनास्टिक चैंपियनशिप ताशकंद में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, क्योंकि तब मुझे लगा कि मैं अपने शरीर को और आगे बढ़ा सकती हूं, लेकिन कभी-कभी हमारा शरीर हमें आराम करने के लिए कहता है, लेकिन दिल आज भी शांत नहीं होता।" उन्होंने खेल में अपने करियर को आकार देने के लिए अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी और सोमा को धन्यवाद दिया।


अपने कोच का जताया अभार

करमाकर ने लिखा- "मैं अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी सर और सोमा मैडम को धन्यवाद देना चाहूंगी, जिन्होंने पिछले 25 सालों से मेरा मार्गदर्शन किया है और मेरी सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। मुझे जो समर्थन मिला है, उसके लिए मैं त्रिपुरा सरकार, जिमनास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन और मेराकी स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। और अंत में अपने परिवार का जो मेरे अच्छे और बुरे दिनों में हमेशा मेरे साथ रहा है,"।

 

खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है दीपा 

दीपा ने कहा- "मैंने लिखा कि मैं रिटायर हो रही हूं, लेकिन जिमनास्टिक से मेरा नाता कभी खत्म नहीं होगा। मैं अपने जैसी अन्य लड़कियों को सुरक्षित मेंटर, कोच और सहायता प्रदान करके इस खेल को फिर से जीवंत करना चाहूंगी। एक बार फिर, मेरी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का धन्यवाद," ।
31 वर्षीय दीपा ने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक भी जीता, खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं और आशीष कुमार के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बनीं। उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार और 2016 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2017 में चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म श्री भी मिला।
 


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Content Writer

vasudha

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