AIIMS में भर्ती ब्लैक फंगस के एक मरीज के लिए फरिश्ता बने सोनू सूद, फ्लाइट से भेजे 10 इंजेक्शन
punjabkesari.in Saturday, May 22, 2021 - 05:09 PM (IST)
पिछले साल कोरोना काल में सरकार द्वारा लगाए गए लाॅकडाउन में प्रवासी मज़दूरों के मसीहा बन कर उभरे एक्टर सोनू सूद एक बार फिर अपने निष्काम सेवा भाव के लिए सुर्खियों में हैं। दरअसल, इस बार फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने जोधपुर AIIMS में भर्ती ब्लैक फंगस के एक मरीज के इलाज में काम आने वाले 10 इंजेक्शन भेजे हैं। इन्हें पहले मुंबई से दिल्ली फ्लाइट से भेजा गया। इसके बाद यहां से सड़क मार्ग से जोधपुर पहुंचाया गया।
बतां दें कि जोधपुर के कमल किशोर सिंघल का इन दिनों AIIMS में इलाज चल रहा है। उन्हें लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाए जाने थे, लेकिन यह पूरे पूरे राजस्थान में नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई।
सोनू सूद ने उन्हें निराश न करते हुए कल रात मुंबई से दिल्ली के लिए इंजेक्शन रवाना कर दिए। उनके इस काम में मददगार बने जोधपुर के हितेश जैन। हितेश भी सोनू की टीम से जुड़े हैं, सोनू ने हितेश को रात में ही दिल्ली पहुंचने को कहा था।
आठ घंटे के अंदर इंजेक्शन पहुंचाए-
जैन ने बताया कि कल रात डेढ़ बजे फ्लाइट दिल्ली पहुंची। दवा का पार्सल हमें साढ़े तीन बजे तक मिल पाया। इसके बाद हमने जोधपुर वापसी का सफर शुरू किया। करीब आठ घंटे में हम यहां पहुंच गए और सिंघल के परिजनों को एम्स में यह इंजेक्शन सौंप दिए।
सड़क पर मुस्तैद पुलिसकर्मियों को पौष्टिक भोजन करवाते हैं हितेश जैन-
बतां दें कि हितेश जैन और उनकी संस्था से जुड़े लोग सड़क पर मुस्तैद पुलिसकर्मी, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और मरीजों के परिजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने का काम लंबे समय से कर रहे हैं।
AIIMS में आने वाले मरीज़ों से कहा जा रहा है दवाएं नहीं हैं, दवा आने पर ही इलाज होगा-
जोधपुर AIIMS में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज पिछले कई दिनों से किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन डिमांड के अनुसार जरूरी दवाओं की व्यवस्था नहीं हो पा रही। यहां तक कि अब हालात यह हैं कि AIIMS में आ रहे मरीजों को पहले ही कहा जा रहा है कि दवाएं नहीं हैं, दवा आने पर ही इलाज होगा।
AIIMS के 2 वार्ड में ब्लैक फंगस के 50 से अधिक मरीज भर्ती-जानकारी के मुताबिक, जोधपुर AIIMS के 2 वार्ड में ब्लैक फंगस के 50 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इनके लिए जरूरी इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन भी नहीं है। AIIMS के कर्मचारियों के अनुसार, अगर इस समय इस अस्पताल का डॉक्टर भी यहां भर्ती हो जाए तो उन्हें भी ठीक से इलाज और दवाएं नहीं मिल पाएंगी।