बेटे ने मां की याद में बनाई पेंटिंग, मिला ग्लोबल अवार्ड

punjabkesari.in Sunday, Mar 15, 2020 - 06:56 PM (IST)

मां और बेटे का रिश्ता सबसे प्यार होता है। मां के आंचल में जब बेटा छुप कर शैतानियां करता है तो पूरी दुनिया उसे कुछ कह नहीं सकती है। लेकिन सोचिए जब वहीं आंचल बेटे के सर से उठ जाए तो ? आंचल उठने के बाद बच्चे में इतनी हिम्मत नहीं रहती कि वो खड़ा हो सके मगर 4 साल के अनुजत सिंधु विनयलाल तो मां की ममता को इंस्पिरेशन बनाकर दुनिया में अपना नाम बना लिया। उन्होंने मिसाल कायम की और अपनी स्वर्गवासी मां का नाम भी रौशन किया। 

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4 साल पहले अपने मां के प्यार में अनुजत ने एक अनोखी-सी पेंटिंग बनाई। उन्होंने औरतों के समूह को एक अलग तरह से दिखाया। व्हाइट स्कर्ट पहने हुए औरतें कामों में मशगूल थी। यह पेंटिंग रंगो से भरी हुई है। उन्हें पता नहीं था कि इसकी लिए भी उन्हें अवार्ड मिल सकता है। लेकिन उन्होंने इसके लिए भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार मिला। फिर पेंटिंग बनाने का सिलसिला शुरू हो गया। 

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उन्होंने न जाने कितनी पेंटिंग्स अपनी मां के लिए बनाई और उनके पिता ने उनकी हर कलाकारी को प्रतियोगिता में भेजा। लेकिन एक पेंटिंग जिसके लिए उन्हें अवार्ड मिला तब उनकी मां ने उन्हें आखिरी बार अवार्ड लेते हुए देखा था। वह दिल की बीमारी के कारण इस दुनिया को अलविदा कहकर चलिए गई। वो कहते है कि 'मेरी मां मेरी सबसे बड़ी चीयरलीडर थी, वह हमेशा मुझे हर पेंटिंग को पिछले वाले से बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करती थी। उसके विश्वास और मेरे पिता के समर्थन के साथ, मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पेशेवर रूप से इसे आगे बढ़ाने की उम्मीद करता हूं '

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इस प्रतिभा को मां ने ही था तलाशा 
अनुजत 4 साल की उम्र से ही पेंटिंग्स बनाते है। उनकी इस प्रतिभा को उनकी मां ने ही तलाशा था। 2016 में बाल दिवस पर उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी मिला था। 

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shipra rana

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