बच्चे को भी हो सकती है Sleep Disorder की समस्या, लक्षण दिखने पर पेरेंट्स करें गौर

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2022 - 02:22 PM (IST)

दिनभर की थकान के बाद भी कई बार पूरे तरीके से नींद नहीं आती। नींद न आने की समस्या को स्लीप डिसऑर्डर की समस्या कहते हैं। यह समस्या सिर्फ बड़ों में ही बल्कि बच्चों को भी हो सकती हैं। अनिद्रा के कारण चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, खाना न पच पाना, पेट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। बड़ों में तो यह समस्या आम होती है लेकिन बच्चों में इस समस्या के लक्षण कुछ अलग दिख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं बच्चों में स्लीप डिसऑर्डर के क्या लक्षण दिख सकते हैं...

दिखते हैं ये लक्षण 

बच्चे को नींद न आने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। परंतु ज्यादातर यह 6 महीने के बच्चों में यह समस्या देख सकते हैं...

. यदि बच्चा रात में बार-बार नींद से जागता है या दोबारा सोने में उसे समस्या आती है तो शिशु को स्लीप डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। 
. दिन में यदि बच्चा 10-15 मिनट में कई सारी झपकियां ले रहा है तो भी यह स्लीप डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है। 

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. खेलने-कूदने की जगह यदि बच्चा शांत बैठा हो तो भी यह इसी का कारण हो सकता है। 
. छोटी-छोटी बात पर बच्चे का गुस्सा होना 

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. हर समय सुस्त रहना
. रुटीन में खाने की खुराक कम हो जाना 

क्यों नहीं आती बच्चे को नींद? 

किसी बुरे सपने के कारण 

बच्चे को नींद न आना किसी बुरे सपने के कारण भी हो सकता है। यदि आपका बच्चा छोटा है और टीवी, मोबाइल या कोई इलेक्ट्रोनिक गैजेट देखता है तो भी उसे बुरे सपने आ सकते हैं। यदि बच्चा सोने से पहले या फिर पूरा दिन मोबाइल और लेपटॉप देखता है तो इस बात पर भी विशेष ध्यान दें। 

दवाईयों के साइड इफेक्ट के कारण 

मौसमी बीमारी या फिर पेट संबंधी समस्याओं के कारण माता-पिता बच्चों को दवाइयां देने लगते हैं। हैवी डोज के कारण भी बच्चों को नींद कम आती है। 

कैफीन का सेवन

बच्चे छोटी उम्र में ही कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, सोडा ड्रिंक जैसी पदार्थों का सेवन करवाते हैं। इन पदार्थों में कैफीन की मात्रा काफी अच्छी पाई जाती है। ऐसे में  यदि आपका बच्चा छोटा है तो उसे नींद न आने की समस्या भी हो सकती है। 

आस-पास के माहौल के कारण 

कई बार आस-पास का माहौल बहुत ही शोरगुल, गर्मी और सर्दी वाला होता है। इस कारण भी बच्चे की नींद खराब हो सकती है। इसलिए बच्चों को सुलाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि आस-पास का माहौल बिल्कुल शांत हो। यहां बच्चा सो रहा है उस कमर का तापमान भी सामान्य हो। 

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इतनी नींद जरुरी है बच्चों के लिए 

बच्चों के अच्छे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पर्याप्त नींद बहुत ही आवश्यक है। बच्चा कितनी मात्रा में सोता है यह उसकी उम्र पर भी निर्भर करता है। जैसे 1-2 महीने के बच्चे 16 घंटे सोते हैं , 2 महीने से 1 साल तक के बच्चे 12-14 घंटे की नींद लेते हैं। 3-5 साल के बच्चे10-12 घंटे की नींद लेते हैं और 6-12 साल के बच्चे 9-11घंटे की नींद लेते हैं। वहीं 13-16 साल के बच्चे 10 घंटे की नींद लेते हैं। 

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palak

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