वियान और समीशा ने ऐसे मनाया ''भाई-दूज'',  शिल्पा से सीखें बच्चों को कैसे सिखाएं अच्छे संस्कार

punjabkesari.in Monday, Nov 04, 2024 - 01:32 PM (IST)

नारी डेस्क:  रविवार को जब पूरा देश भाई दूज मना रहा है, तो बी-टाउन सेलेब्स भी इस उत्सव में शामिल हो रहे हैं। शिल्पा शेट्टी ने अपने दोनों बच्चों वियान और समीशा के साथ भाई दूज समारोह की एक प्यारी सी झलकियां सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। शिल्पा एक बेहद धार्मिक और संस्कारी अभिनेत्री मानी जाती हैं, वह अपने बच्चों को भी इस संस्कार में ढालने का हर संभव प्रयास करती हैं ताकि वे अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को समझ सकें और उनका आदर करें। 

PunjabKesari

समीशा ने निभाई पूरी रस्म

शिल्पा द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में नन्हीं समीशा अपने भाई वियान के लिए पारंपरिक भाई दूज की रस्म निभाती नजर आ रही हैं। प्रथा के अनुसार, उसने भाई को  तिलक लगाया और फिर वियान ने उसे मिठाई खिलाई। आखिरी तस्वीर खास थी क्योंकि इसमें बच्चे एक-दूसरे को गले लगाते नजर आ रहे थे। वे एक ही रंग के आउटफिट में बहुत प्यारे लग रहे थे।

PunjabKesari

बच्चों को ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास सिखाती है शिल्पा

इस तस्वीरों को देखने के बाद लोग शिल्पा के संस्कारों की तारीफ कर रहे हैं। दरअसल शिल्पानियमित रूप से अपने बच्चों को मंदिर लेकर जाती हैं और उन्हें पूजा-पाठ के महत्व से परिचित कराती हैं। उनकी यही आदत बच्चों को ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास का महत्व समझने में मदद करती है। वह अपने बच्चों को भारतीय त्योहारों की परंपराओं और उनके धार्मिक महत्व के बारे में सिखाती हैं। वे हर त्योहार जैसे गणेश चतुर्थी, दिवाली, होली, और नवरात्रि को पूरे उत्साह के साथ मनाती हैं और बच्चों को भी इसमें शामिल करती हैं ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें।

 

योग और ध्यान


शिल्पा शेट्टी स्वयं योग और ध्यान की प्रैक्टिस करती हैं और इसे अपने बच्चों की दिनचर्या में भी शामिल करती हैं। इससे बच्चों में आत्म-संयम, ध्यान, और मानसिक शांति का विकास होता है। वह अपने बच्चों को जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करती हैं। वे चाहती हैं कि उनके बच्चे समाज के प्रति दयालु और संवेदनशील बनें और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें।

PunjabKesari

संस्कृत श्लोक और मंत्र

 शिल्पा अपने बच्चों को संस्कृत के श्लोक और मंत्र सिखाती हैं। उनका मानना है कि संस्कृत श्लोकों का उच्चारण बच्चों के मानसिक विकास के लिए फायदेमंद होता है और इससे वे अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं। वह अपने बच्चों को स्वस्थ खान-पान और अनुशासित जीवनशैली का पालन करना सिखाती हैं। वे बच्चों को सिखाती हैं कि सेहत का ख्याल रखना एक तरह से आत्म-सम्मान और भगवान के दिए शरीर के प्रति कर्तव्य है।   वे बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए पूरी कोशिश करती हैं ताकि वे बड़े होकर अच्छे इंसान बन सकें और जीवन में अपने संस्कारों को साथ लेकर आगे बढ़ें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static