बसंत ऋतु में Shahnaz Husain की ये ब्यूटी टिप्स दिलाएंगी ड्राईनेस से छुटकारा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 15, 2023 - 10:41 AM (IST)

ऋतुओं के राजा बसंत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है । बसंत ऋतु में मौसम साल भर में सबसे सुहावना माना जाता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं।  यह प्रेम की ऋतु है , मधुर श्रृंगार की बेला बसन्त में ही आती है।  बसंत ऋतु आते ही तापमान में बढोतरी के साथ ही गर्माहट आनी शुरू हो जाती है। इस मौसम में हम खुले आसमान में ज्यादा समय बिताते हैं तथा हमारी दिनचर्या की चहल-पहल बढ़ जाती है।  बसंत ऋतु  में मौसम में शुष्क हवा और तापमान में बढ़ोतरी से त्वचा के जलन तथा अन्य सौंदर्य समस्याएं होने लगती है। मौसम में बदलाव के साथ ही हमें अपनी सौंदर्य आवश्यकताओं को बदलकर बदलते मौसम के अनुरूप ढालना चाहिए ताकि हमारी त्वचा तथा बालों को पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित रखी जा सके। 

PunjabKesari

वास्तविकता यह है कि हम हर मौसम में सुन्दर दिखना चाहते है। त्वचा का सौंदर्य बनाए रखने के लिए त्वचा की प्रकृति, मौसम के मिजाज तथा इसकी पोषक जरूरतों के प्रति निरन्तर सजग रहना पड़ता है। बसंत ऋतु शुरू होते ही आप यह महसूस करती हैं कि आपकी त्वचा रूखी और पपडीदार बन गई है। इस मौसम में त्वचा में नमी की कमी की वजह से आपकी त्वचा में रूखे लाल चकत्ते भी पड़ जाते है।  बसंत ऋतु  में सर्दियां खत्म होते ही त्वचा पर आर्द्रता (moisture)  को बराबर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। अगर आपकी त्वचा अत्याधिक शुुष्क (dry) है तथा इसमें रूखे लाल चक्त्ते पड़ रहे है तो आप तुरंत रासायनिक (chemical) साबुन का प्रयोग  करना बन्द कर दीजिए। आप साबुन की बजाय सुबह-शाम कलीनजर का उपयोग कर सकते है। त्वचा को प्रतिदिन क्लीजिंग के साथ ही त्वचा को पोषाहार भी प्रदान कीजिए। 

बसंत ऋतु में ऐसे करें घरेलू उपचार:

ड्राई स्किन के लिए इस्तेमाल करें तिल का तेल

घरेलू आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर आप त्वचा पर तिल का तेल की मालिश कर सकती हैं। वैकल्पिक तौर पर आप दूध में कुछ शहद की बूंदे डालकर इसे त्वचा पर लगाकर 10-15 मिनट तक लगा रहने दीजिए तथा बाद में इसे ताजे स्वच्छ पानी से धो डालिए। यह उपचार सामान्य तथा शुष्क दोनों प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी है। 

PunjabKesari

ऑयली स्किन के लिए इस्तेमाल करें ग्लिसरीन 

यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो 50 मिली लीटर गुलाब जल में एक चम्मच शुद्ध ग्लिसरीन मिलाएं। इस मिश्रण को बोतल में डालकर इसे पूरी तरह मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर लगा लीजिए। आपको यह अहसास होगा कि ग्लिसरीन और गुलाब  जल से त्वचा में पर्याप्त आर्द्रता (moisture) बनी रहती है तथा त्वचा में ताजगी का अहसास होता है। 

शहद का भी कर सकती हैं इस्तेमाल

आप तैलीय त्वचा पर भी शहद का लेप कर सकते है। शहद प्रभावशाली प्राकृतिक आर्द्रता प्रदान करके त्वचा को मुलायम तथा कोमल बनाता है। वास्तव में आप बसंत ऋतु के दौरान रोजाना 15 मिनट तक शहद का लेप अपने चेहरे लगाने के बाद उसे स्वच्छ ताजे पानी से धो सकते है तथा इससे त्वचा पर सर्दियों के दौरान पडे़ विपरित प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। 

PunjabKesari

चन्दन
बसंत ऋतु आते ही त्वचा में एलर्जी की समस्या आम देखने को मिलती है जिसमें त्वचा में खारिश, चक्कते तथा लाल धब्बे देखने में मिलते है। बसंत ऋतु में वातावरण में वायु तथा जल प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है। जिसका त्वचा पर सीधा प्रभाव पड़ता है इन परिस्थितियों में ‘‘ओवर क्रीम’’ सौंदर्य प्रसाधन काफी मददगार साबित होते है, चन्दन क्रीम को त्वचा को संरक्षण तथा रंगत रखने में अत्यन्त उपयोगी माना जाता है इससे फोड़े फुंसी और अन्य एलर्जी से राहत मिलती है। इससे त्वचा में खारिश को नियन्त्रित रखने में भी मदद मिलती है। लेकिन यदि त्वचा में खारिश ज्यादा हो तो डॉक्टर को सलाह आवश्यक लीजिए। चन्दन अत्याधिक गुणकारी होता है तथा सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी माना जाता है। यह प्रभावकारी एंटीसेप्टिक होता है तथा त्वचा की नमी बनाए रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

PunjabKesari

तुलसी

त्वचा के रोगों खासकरफोड़े फुंसी, लाल दाग तथा चकते आदि में तुलसी भी अत्याधिक उपयोगी माना जाता है। तुलसी के औषधीय गुणों की वजह से इसे प्राचीन काल में ही पूजा जाता है। आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधानों में यह पाया गया है कि तुलसी हवा को शुद्ध करती है तथा त्वचा को शौम्य रखती है तथा चिकत्सिक लाभ प्रदान करता है। शायद इसी वजह से प्राचीन समय से ही तुलसी को घर के आंगन में उगाया जाता है। त्वचा के घरेलू उपचार में नीम तथा पुदीना की पत्तियां भी काफी सहायक मानी जाती है।

बसन्त ऋतु में घरेलू उपचार:

चन्दन 

त्वचा की खाज, खुजली तथा फुंसियों में चन्दन पेस्ट का लेपन कीजिए। चन्दन पेस्ट में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर उसे प्रभावित त्वचा पर लगाकर आधा घंटा बाद ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए। चन्दन का सुगंधित तेल भी इसमें अत्याधिक लाभकारी साबित होता है। दो या तीन बूंद चन्दन सुगंधित तेल को 50 मिली लीटर गूुलाब जल में मिलाइए तथा इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाइए। 

एपल साइडर विनेगर

त्वचा की खारिश में एपल साइडर विनेगर काफी मददगार साबित होता है। इससे एंटीसेप्टिक तथा एंटी फंगल गुण विद्यमान होते है जिससे गर्मी की जलन तथा बालों को रूसी की समस्या को निपटने में अहम मदद मिलती है। एपल साइडर विनेगर की कुछ बूंदों को कॉटन की मदद से खारिश वाले हिस्से पर लगाइए। यदि आपके पास एपल साइडर विनेगर नहीं है तो इसकी जगह पर विकल्प के तौर पर रसोई में प्रयोग किए जाने वाले सिरके का उपयोग भी कर सकती है। 

PunjabKesari

नींबू की पत्तियों

नींबू की पत्तियों को चार कप पानी में हल्की आंच पर एक घंटा उबालिए। इस मिश्रण को टाईट जार में रात भर रहने दीजिए। अगली सुबह मिश्रण से पानी निचोड़ कर पत्तियों का पेस्ट बना लीजिए तथा इस पेस्ट को प्रभावित त्वचा पर लगा लीजिए।  नीम में आर्गेनिक सल्फर कंपाउंड होता है, जिसकी  चिकित्सक गुणों की वजह से त्वचा को विशेष लाभ मिलता है। 

मुल्तानी मिट्टी

त्वचा में मुल्तानी मिट्टी लगाना भी बहुत फायदेमंद साबित होती है। एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र में लगाकर 15-20 मिनट बाद धो लें। त्वचा की खारिश में बाइकार्बोनेट सोडा भी अत्याधिक प्रभावशाली साबित होता है। बाइकार्बोनेट सोडा, मुल्तानी मिट्टी और गुलाब-जल का मिश्रण बनाकर पैक बना लें तथा इसे खारिश, खुजली चकते तथा फोड़े फुंसियों पर लगा कर 10 मिनट बाद ताजे स्वच्छ जल से धो डालिए तथा इससे त्वचा को काफी राहत मिलेगी।

PunjabKesari

(लेखिका अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के रुप में लोकप्रिय है)


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Charanjeet Kaur

Recommended News

Related News

static