सुशांत मामले पर बोले शेखर सुमन- ये केस बिहार चुनावों में नंबर एक मुद्दा है
punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 10:54 AM (IST)
आज 14 तारीख है और आज एक्टर सुशांत सिंह राजपूत को इस दुनिया से अलविदा कहे 4 महीने हो गए हैं। वह फैंस के दिलों में आज भी जिंदा हैं। आज भी उनके चाहने वाले और उनके परिवार वाले लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं बात अगर शेखर सुमन की करें तो वह सुशांत की मौत के बाद से ही उनके लिए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में शेखर सुमन ने एक बार फिर बेबाक रवैया अपना कर एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि सुशांत को बिहार चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है।
शेखर सुमन ने किया ट्वीट
Wat an utter https://t.co/bBkVbeMEHA d Sushant's case is going to be used as a number 1 electoral issue in d Bihar elections.Smthg that was predicted long ago that his death wd be kept alive till the elections.And watch how it wd vanish completely after that.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 13, 2020
शेखर सुमन ने ट्वीट करते हुए लिखा,' कितने शर्म की बात है कि सुशांत का मामला बिहार चुनावों में नंबर एक चुनावी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल होने जा रहा है। बहुत पहले से ही यह भविष्यवाणी की जा रही थी कि उनकी मृत्यु को चुनाव तक जीवित रखा जा सकता है और देखना कि चुनाव के बाद यह कैसे पूरी तरह से गायब हो जाएगा।'
सब फुस्स पटाखा हो गया : शेखर सुमन
Abhi Sushant ki charcha achanak har news channels se gayab kyon ho gayi?We demand an answer.Kahan gaye itne saarey log jinhe shaque ke daayre mein zabardasti laya gaya tha?Drug investigation bhi phus patakha ho gaya.Sab chalava hai.Makkari ki inteha hai.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) October 13, 2020
शेखर सुमन ने एक और ट्वीट में लिखा, 'अभी सुशांत की चर्चा अचानकर हर न्यूज चैनल से गायब क्यों हो गई? हम एक जवाब मांगते हैं। कहां गए इतने सारे लोग जिन्हें शक के दायरे में जबरदस्ती लाया गया था? ड्रग मामले की जांच भी फुस्स पटाखा हो गया। सब छलावा है। मक्कारी की इंतहा है।'
आपको बता दें शेखर सुमन लगातार एक्टर को न्याय दिलाने के लिए मांग कर रहे हैं और हाल ही में उन्होंने रिया के जेल से रिहा होने पर भी नाराजगी जताते हुए ट्वीट कर कहा था, 'रिया को बेल मिल गई है और वो जेल से बाहर हैं। सीबीआई और AIIMS रिपोर्ट में भी कोई अंतर नहीं दिख रहा। मिरांडा और दीपेश को भी बेल मिल गई। अब दूसरी फॉरेंसिक टीम का भी गठन नहीं हो रहा। सब खत्म, घर चलें?'