शारदीय नवरात्रि का पहला दिन, शुरु हो चुका है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 08:21 AM (IST)

नारी डेस्क: नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो चुकी है। इस बार शारदीय नवरात्रि नौ दिनों के बजाय दस दिनों का होगी। नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगा। ज्योतिषीय द्दष्टि से इस वृद्धि को अत्यंत शुभ माना जा रहा है। शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना (घट स्थापना) का विशेष महत्व होता है। इसे माता दुर्गा की आराधना का प्रारंभ माना जाता है।

ये है शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत आज रात 1 बजकर 23 मिनट पर हो चुकी है और तिथि का समापन 23 सितंबर यानी कल अर्धरात्रि 2 बजकर 55 मिनट पर होगा। घट स्थापना का पहला मुहूर्त आज सुबह 6 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 06 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जिसकी शुरुआत सुबह 11 बजकर 49 मिनट से होगी और समापन दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर होगा।
कलश स्थापना विधि
सबसे पहले घर के पूजा स्थान को स्वच्छ करें और पवित्र जल से छिड़काव करें। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। मिट्टी से एक पात्र में जौ/गेहूं बोएं। यह समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है। कलश में गंगाजल व शुद्ध जल मिलाकर भरें, उसमें सुपारी, अक्षत, सिक्का और पंचमेवा डालें। कलश के मुख पर आम के 5 पत्ते सजाएं और ऊपर लाल वस्त्र से लिपटा नारियल रखें। कलश पर मौली बांधें और चौकी पर स्थापित करें। अब कलश के सामने मां दुर्गा की प्रतिमा/चित्र स्थापित कर दीप जलाएं। घट (कलश) को ही भगवान गणेश व मातृशक्ति का प्रतीक मानकर पूजा शुरू करें।

कलश स्थापना मंत्र
कलश स्थापना के समय यह मंत्र बोलें – "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"। यह देवी दुर्गा (मां चामुंडा) का एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसका अर्थ है कि यह ब्रह्मांड की ध्वनि के साथ देवी सरस्वती (ऐं), देवी लक्ष्मी (ह्रीं), और देवी काली (क्लीं) की शक्तियों का आह्वान करता है, और चामुंडा के रूप में दैत्यों का नाश करने तथा आत्मविश्वास, आंतरिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी को नमन है। इस मंत्र का जाप शत्रुओं से सुरक्षा, मानसिक एकाग्रता बढ़ाने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करता है।