अरसों बाद शनि जयंती पर बन रहा है खास संयोग,  इन 5 राशि वालों पर मेहरबान रहेंगे  शनिदेव

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 06:09 PM (IST)

हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर शनि देव की उपासना करने से साधक को रोग, दोष और बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। इस बार शनि जयंती एक विशेष और दुर्लभ सुकर्मा योग में मनाई जा रही है, जो इसे और भी शुभ और फलदायी बना देती है। इस शुभ संयोग में किए गए उपायों से शनि देव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को दुगुना फल देते हैं। आइए जानें शनि जयंती का महत्व, पूजा विधि, उपाय और किन राशियों पर बरसेगी शनि कृपा।
 

कब है शनि जयंती

शनि जयंती इस साल 27 मई को मनाई जाएगी और इसी दिन वट सावित्री व्रत भी रखा जाएगा। ज्येष्ठ मास की अमावस्या 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और यह 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 बजे खत्म होगी। उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी।  शनि जयंती पर प्रात:काल से ही दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है। इस योग का समापन रात 10.54 बजे होगा। इस योग में भगवान शिव और शनिदेव की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है। 


शनि देव को प्रसन्न करने के विशेष उपाय

इस दिन "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का 108 बार जाप करें। इस दिन नीलम रत्न, काले तिल, कंबल, लोहा, उड़द की दाल, और काले वस्त्र किसी गरीब या ब्राह्मण को दान करें। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का पाठ करें


 इन राशियों पर बरसेगी शनि की विशेष कृपा

सिंह राशि पर इस नक्षत्र परिवर्तन का गहरा असर होगा। राशि के स्वामी सूर्य हैं और यह परिवर्तन इन लोगों के लिए बहुत शुभ साबित होने वाला है। इन लोगों को तरक्की के नए रास्ते मिलेंगे। तुला राशि के लोगों के लिए यह समय सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। रिश्तों में प्रेम बढ़ेगा और पुराने मनमुटाव दूर होंगे। इसके अलावा मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि है और सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन इन लोगों के लिए प्रभावशाली रहेगा। यह इन्हें करियर में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगा। 

 शनि जयंती का महत्व क्या है?

यह दिन शनि देव के जन्म का उत्सव है। शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है, जो कर्मों के अनुसार फल देते हैं। सच्चे मन से की गई पूजा से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में भी राहत मिलती है।


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vasudha

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